उत्तर प्रदेश में BJP के पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने अपनी सरकार पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं (Former UP Minister on Corruption Viral). एक समारोह के दौरान वो बोले कि अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने तहसील और थाने में जो भ्रष्टाचार देखा है वो अकल्पनीय है. दावा किया कि आम लोगों का शोषण किया जा रहा है. फ्लो-फ्लो में UP सरकार पर ही सवाल उठाने वाले उनके बयान की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
'UP के तहसील-थानों में ऐसा भ्रष्टाचार न देखा...' BJP के पूर्व मंत्री ने अपनी ही सरकार पर गंभीर सवाल उठा दिए
Uttar Pradesh में BJP के पूर्व मंत्री Rajendra Pratap Singh बीजेपी के ही एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. कहा- तहसील और थाने जैसा भ्रष्टाचार कभी नहीं देखा. और क्या-क्या बोल गए राजेंद्र प्रताप सिंह?

12 जुलाई को प्रतापगढ़ में मतदाता सम्मान समारोह के दौरान राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा,
हमें ये कहने में कोई संकोच नहीं है. अपने 42 साल के राजनीतिक जीवन में तहसील और थाने में ऐसा भ्रष्टाचार देखा, जिसके बारे में सोच नहीं सकते थे और ना देख सकते थे. वो अकल्पनीय है.
आगे बोले,
आज आप मोटरसाइकिल पर जा रहे हैं तो पकड़ लिया जाता है. अगर घर में आपने एक बल्ब ज्यादा जला लिया तो पुलिस थाने से लुटेरे की तरह लूटा जा रहा है. धमकी दी जा रही है. अपराध ना करने पर भी अपराधी बनाया जा रहा है. कोई हम हाथरस के बाबा नहीं हैं जो कह रहे हैं कि मेरे पैर की धूल ले जाओ.
उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित लोगों का अभिनंदन केवल शब्दों से पूरा नहीं होगा, इसकी बजाय भगवा पहनने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान किया जाना चाहिए और उनके मुद्दों को सुना जाना चाहिए.
राजेंद्र प्रताप सिंह के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने सिंह के बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट में लिखा,
भाजपा राज में ‘तहसील और थाने के अभूतपूर्व रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार’ पर भाजपा के लोग ही जब प्रमाणपत्र बांट रहे हैं तो क्या इस अकल्पनीय ‘भाजपाई भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई करने के लिए और कुछ सबूत चाहिए? अब देखते हैं बुलडोज़र किस ओर मुड़ता है.
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बता दें, राजेंद्र प्रताप सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ जिले के पट्टी से जीत हासिल की थी और उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया था. फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में वो सपा उम्मीदवार से हार गए. इससे पहले 2003 में भी वो उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं.
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