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फेसबुक दफ्तर के राज़, जिनको कतई लाइक नहीं करोगे

अगर तुमको लगता है कि तुम बॉस, नौकरी और दफ्तर के सताए एकमात्र इंसान हो तो कसम है, इसे पढ़ना जरूर.

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फोटो - thelallantop
फेसबुक पर पूरा दिन और आधी रात बीत रही है तुम्हारी. इसे बनाने और चलाने वाले मार्क जकरबर्ग के फैन हो. तो ये खबर फैन की पंखी मोड़ देगी. अगर उनके ऑफिस के राज खोलने वाले पूर्व साथी की बात में दम हुआ. इस आदमी को मार्क जकरबर्ग ने दो साल पहले नौकरी से निकाल दिया था. अब सामने आया है एकदम ताजा हंगामा लेकर. अपनी किताब में उस 'ब्लू वॉल' के पीछे का बवाल लेकर.
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एंटोनियो गार्सिया मार्टिंज़ फेसबुक में एडवर्टाइजिंग मैनेजर की पोस्ट पर लगे थे. उनको जकरबर्ग ने गुस्से में बर्खास्त कर दिया था, 2013 में. तो ये साहब अब एक किताब लेकर आए हैं. जिसका नाम है “Chaos Monkeys: Obscene Fortune and Random Failure in Silicon Valley“. और ये किताब मार्केट में आएगी तो कसम से आग लग जाएगी. बड़ी फाड़ू बातें लिखी हैं इसमें. जो मेन बातें लीक हुई हैं वो हम बता देते हैं. लिखा है कि फेसबुक का दफ्तर नॉर्थ कोरिया जैसा एहसास दिलाता है. पिछड़ेपन के मामले में.
सबसे पहली बात तो जैसे एंटोनियो खुद निकाले गए वही मामला जियरा उघार है. जकरबर्ग ने उनको ऑर्डर दिया कि ये दीवार पेंट करा दो अच्छी सी. इन्होंने अपना दिमाग लगाके खूब आर्टिस्टिक सा करा दिया. जकरबर्ग ने देखा. नहीं पसंद आया. बस फायर हो गए. कहा ‘I trusted you to create art and what you f***ing did was vandalize!' और एंटोनियो फायर्ड हो गए.
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गाली गलौज और एंपलॉइज से बात करने का तरीका बड़ा वाहियात है. एक बार प्रोडक्ट मैनेजर डैन रुबेस्टीन ने शेरिल सैंडबर्ग से बदतमीजी कर दी थी. शेरिल जकरबर्ग की एकदम खासमखास हैं. हमेशा उनके साथ रहने वाली. फेसबुक के दफ्तर में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर हैं. उनकी ये कद्र है तो बाकी का क्या होगा ये सोचो.
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एक किस्सा और है. एक बार किसी एंप्लॉई ने नए लॉन्च होने वाले प्रोडक्ट के सीक्रेट लीक कर दिए. भन्नाए जकरबर्ग ने सबको एक ईमेल भेजा. जिसके सब्जेक्ट में लिखा था 'प्लीज रिजाइन!' माने इस्तीफा दो.
डेलीमेल की खबर के मुताबिक दफ्तर के अंदर 'द सेक' नाम की पुलिस फोर्स है. उनकी पर्सनल. जो एंपलॉइज ज्यादा सान पट्टी करता है उसको 'ठीक करने के लिए.'
जिस दिन यहां कोई नया एंप्लॉई ज्वाइन करता था उस दिन को कहा जाता था 'फेसवर्सरी'. और पहले दिन उसका क्रिश्चियन नियम कायदों के हिसाब से 'बपतिस्मा' कराया जाता था.
और लास्ट में सबसे खास, सबसे अजीब रूल. लेडी कर्मचारियों को 'ढंग के कपड़े' पहनकर आना कंपलसरी था. वो छोटी स्कर्ट नहीं पहन सकती थी दफ्तर में. ताकि ऑफिस में काम करने वाले मेल एंपलॉइज का ध्यान काम में लगे. लड़कियां देखने में न खर्च हो जाएं.
तो भैया, अगर तुमको लगता है कि दफ्तर और अफसर के सताए तुमई हो, तो कतई परेशान न हो. इतनी बड़ी कंपनी का मालिक भी टिपिकल बॉस ही है.

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