डॉक्टर कफील खान (Dr Kafeel Khan) के खिलाफ लखनऊ में एक FIR दर्ज कराई गई है. आरोप है कि कफील खान और उनके साथी ‘यूपी की योगी सरकार और केंद्र के खिलाफ साजिश रच रहे’ हैं. ये FIR लखनऊ के एक व्यापारी की शिकायत पर दर्ज की गई है. व्यापारी मनीषा शुक्ला के मुताबिक उसने चार-पांच लोगों को 'दंगा कराकर सरकार को उखाड़ फेंकने' की बात करते सुना था. मनीषा के मुताबिक वो लोग इस दौरान डॉक्टर कफील खान और उनकी लिखी एक किताब का जिक्र कर रहे थे.
चार लोगों की खुसर-फुसर में डॉ. कफील खान और उनकी किताब का जिक्र हुआ, FIR दर्ज हो गई
लखनऊ के एक व्यापारी की शिकायत पर कफील खान के खिलाफ दर्ज की गई है FIR. व्यापारी मनीषा शुक्ला का आरोप है कि 'चार-पांच लोग डॉक्टर कफील खान और उनकी लिखी किताब का नाम लेकर दंगा कराने' की बात कर रहे थे.

ये भी पढ़ें- कफील खान ने मरी हुई महिला के इलाज का नाटक किया? एंबुलेंस वाले ने FIR करवा दी
कफील खान के खिलाफ FIR में क्या लिखा है?कफील खान और चार-पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ लखनऊ के कृष्णानगर थाने में 1 दिसंबर को FIR दर्ज की गई. FIR में शिकायत करने वाले व्यापारी ने बताया कि वो 1 दिसंबर को किसी जरूरी काम से LDA कॉलोनी के पास गया था. FIR में बताया गया है,
"एक गुमटी के पीछे चार-पांच लोग राज्य सरकार, उनके मंत्रियों और अधिकारियों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे. वो लोग किसी से फोन पर भी बात कर रहे थे और दंगा कराकर सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कर रहे थे. वो लोग कह रहे थे कि डॉक्टर कफील खान ने गुप्त रूप से एक किताब छपवाई है, जिसे पूरे प्रदेश में गुप्त रूप से बंटवाया जा रहा है. ये किताब बंटवाकर अपने लोगों से एक गुप्त योजना के लिए पैसा भी जुटाया जा रहा है."
मनीष शुक्ला ने शिकायत में बताया कि उन लोगों की बात सुनकर उसने अपने दो-तीन साथियों को फोन कर बुलाया. व्यापारी और उसके साथियों को देखकर वो लोग हड़बड़ा कर भाग गए. इस दौरान उनके पास की एक किताब वहीं गिर गई.
मनीष के मुताबिक उस किताब पर किसी लेखक या प्रकाशक का नाम नहीं था. किताब में गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में अगस्त, 2017 में हुई बच्चों की मौत के बारे में और उस मामले में कफील खान को फंसाने की साजिश जैसी बातें लिखी थीं. मनीषा का कहना है कि उस किताब में सांप्रदायिक दंगे फैलाने के मकसद से सरकार के खिलाफ भड़काने वाली बातें लिखी थीं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कृष्णानगर स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया,
इस FIR के बारे में क्या बोले कफील खान?“डॉ कफील पर मामला तब दर्ज किया गया, जब एक स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया कि लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने और समाज को बांटने के लिए उनकी (डॉक्टर कफील खान) लिखी किताब बांटी जा रही है.”
इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात करते हुए डॉ. कफील खान ने कहा,
"न तो सरकार और न ही पुलिस ने मुझे इस बारे में कुछ बताया है. मेरी किताब अमेजन पर दो साल से बिक्री के लिए उपलब्ध है. मैं चार साल से यूपी से बाहर रह रहा हूं. अंग्रेजी में लिखी (मेरी) किताब का कुछ लोगों ने हिंदी और उर्दू में अनुवाद किया है. मुझे नहीं पता कि उन्होंने अब मेरे खिलाफ केस क्यों दर्ज किया है."
वहीं पुलिस ने FIR के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है. अन्य आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में थे कफील खानअगस्त, 2017 में गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में दर्जनों बच्चों की मौत होने की खबर आई थी. कहा गया था कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई. कफील खान उस वक्त मेडिकल कॉलेज में बतौर बाल रोग विशेषज्ञ तैनात थे. उन पर लापरवाही का आरोप लगा था. 3 सितंबर, 2017 को उन्हें जेल भेज दिया गया था. 25 अप्रैल, 2018 को कफील जमानत पर रिहा हुए. दोबारा 31 जुलाई, 2019 को कफील खान फिर सस्पेंड कर दिए गए. इस बार आरोप था कि वे बहराइच हॉस्पिटल में दूसरे डॉक्टर्स की ड्यूटी में दखलंदाजी कर रहे थे.
दिसंबर, 2019 में उन्हें CAA के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रासुका के तहत फिर गिरफ्तार किया गया. हालांकि, इस मामले में कोर्ट ने कफील के खिलाफ आपराधिक धाराओं में कार्रवाई को रद्द कर दिया था. लेकिन कफील खान को कुछ महीने तक जेल में रहना पड़ा था.
वीडियो: कफील खान ने स्थानीय पुलिस पर तंग करने का आरोप लगाया, अखिलेश यादव क्या बोले?