क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीसीपी विक्रम कपूर कुछ दिनों से परेशान चल रहे थे. 14 अगस्त की सुबह हर रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर गए थे. जब वापस लौटे तो उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. बताया जा रहा है कि वह अपने घर के उस कमरे में गए जहां कोई नहीं था. उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर अपने मुंह में लगाई और गोली चला दी. फायरिंग की आवाज़ सुनते ही घर में हड़कंप मच गया. उस वक्त उनकी पत्नी और दोनों बच्चे घर में ही मौजूद थे. उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची. और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.सुसाइड नोट में क्या लिखा?
डीसीपी कपूर के घर से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है. जिसका जिक्र पुलिस के पास उनके बेटे अर्जुन कपूर की तरफ से दर्ज एफआईआर में है. इस एफआई के मुताबिक विक्रम कपूर ने अंग्रेजी में लिखा है. उसमें लिखा है I am doing this due to ABDUL, Abdul insp he is blackmailing- Vikram. हिंदी में कहें तो 'मैं ये अब्दुल की वजह से कर रहा हूं, अब्दुल इंस्पेक्टर ब्लैकमेलिंग कर रहा है- विक्रम'.
DCP विक्रम कपूर के बेटे की तरफ से लिखाई गई FIR की कॉपी, इसमें सुसाइड नोट का जिक्र है
जिस अब्दुल का जिक्र विक्रम कपूर के सुसाइड नोट में है उसके बारे में उनके बेटे ने थोड़ा और बताया है. विक्रम के बेटे अर्जुन ने एफआईआर में लिखवाया है कि " डेढ़ महीने से दो आदमी, सतीश मलिक व अब्दुल SHO मिलकर मानसिक तौर पर बहुत ज्यादा प्रताड़ित (तंग) कर रहे थे. जिसे वो बर्दाश्त नहीं कर पाए. किसी झूठे इल्जाम से वो तंग कर रहे थे. जिस वजह से वो पिछले एक-डेढ़ महीने से बहुत तंग थे. आपसे निवेदन है कि पुलिस कार्यवाही करके दोनों को सजा दिलाएं"
कौन थे डीसीपी विक्रम कपूर?
58 साल के विक्रम कपूर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से थे. 1983 में वह फरीदाबाद पुलिस में बतौर एसआई भर्ती हुए थे. उसके बाद उन्हें प्रमोशन मिलता रहा और पिछले साल यानी 2018 में आईपीएस (IPS) अधिकारी बने थे. बतौर डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर एनआईटी ज़ोन में तैनात थे. डीसीपी कपूर अपने परिवार के साथ अपने सरकारी निवास पुलिस लाइन, सेक्टर 30 में रहते थे. वो 31 अक्टूबर, 2020 को रिटायर होने वाले थे.(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं रुचि ने की है)
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