The Lallantop

लखनऊ: थाना इंचार्ज पर हमला, हाथ से मोबाइल छीना, जान बचाने के लिए अलग से पुलिस बुलानी पड़ी

थाना इंचार्ज पर आरोप है कि उन्होंने चोरी के एक आरोपी पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया था.

Advertisement
post-main-image
लखनऊ महानगर में थाना इंचार्ज की पिटाई. (तस्वीरें- आशीष श्रीवास्तव/आजतक)
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में चोरी का एक मामला स्थानीय पुलिस के लिए मुसीबत बन गया. घटना लखनऊ के महानगर इलाके की है. यहां चोरी के एक आरोपी के परिवार ने महानगर थाने के दारोगा पर हमला कर दिया. परिवार का आरोप था कि दारोगा ने चोरी के आरोपी यानी उनके परिवार के सदस्य पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया था. इसी को लेकर उनकी दारोगा से ठन गई और उन्होंने पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. इससे घबराए दारोगा ने जान बचाने के लिए खुद को चौकी में बंद कर लिया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ. इसमें एक व्यक्ति थाने में बेहोश पड़ा दिख रहा है. क्या है पूरा मामला?
आजतक के रिपोर्टर आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, बीते हफ्ते लखनऊ के थाना महानगर स्थित पेपर मिल कालोनी की पुलिस चौकी में चोरी की एक शिकायत आई. इसमें एक रिटायर्ड अधिकारी बलवीर सहाय ने अपने घर से एक ज्वेलरी भरा बॉक्स चोरी होने का दावा किया. उन्होंने इसका शक अपने ड्राइवर अरुण पर जताया. 14 जुलाई को पुलिस अरुण को पूछताछ के लिए थाने ले गई. अब आरोप है कि पूछताछ के दौरान दारोगा ने अरुण की इतनी पिटाई की कि वो बेहोश हो गया. ये बात जब अरुण के घर और मोहल्ले वालों तक पहुंची तो वे थाना प्रभारी से काफी नाराज हुए. उनका गुस्सा इतना बढ़ा कि वे चौकी पहुंच गए और थाना इंचार्ज पर अरुण को थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाते हुए बवाल शुरू कर दिया. जमकर गाली-गलौज हुई. कभी गुस्साए लोगों ने थाने में घुसने की कोशिश की तो कभी सुधाकर पांडेय को ही बाहर खींचने का प्रयास किया गया. इस दौरान उन्होंने दारोगा का मोबाइल छीन लिया और उन पर हमला किया. रिपोर्टर आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सुधाकर पांडेय किसी तरह चौकी का दरवाजा बंद कर पाए और फिर बाहर नहीं निकले. खुद को बचाने के लिए उन्हें उन्हें पीएसी बुलानी पड़ी. उसने सबको शांत कराया. तब जाकर चौकी इंचार्ज बाहर आ पाए.
screenshot
घटना के वीडियो का स्क्रीनशॉट.

आरोपी के परिवार का क्या कहना है? रिपोर्ट के मुताबिक, अरुण के पिता रामचंद्र निषाद का आरोप है कि 14 जुलाई की शाम को दारोगा सुधाकर पांडेय ने थाने ले जाकर अरुण को जमकर पीटा. उसके बाद वो अरुण को पेपर मिल की मेट्रो चौकी लेकर गए. अरुण के पिता के मुताबिक, वहां भी अरुण को बंधक बनाकर मारा गया. यहां तक कि उस पर 'थर्ड डिग्री' का प्रयोग भी किया गया, जिससे वो बेहोश हो गया. रामचंद्र का ये भी आरोप है कि जब वो अरुण को देखने के लिए बाकी लोगों के साथ थाने पहुंचे तो पुलिस उन्हें धमकी देने लगी.
वहीं, अरुण के बड़े भाई विकास ने बताया कि परिवार से पहले वो अरुण से मिलने थाने गया था. तब उसने वहां अरुण की चीखें सुनी थीं. बाद में जब उसकी हालत बिगड़ी तो इंस्पेक्टर और बाकी पुलिसकर्मी उसे अपनी गाड़ी से अस्पताल ले जाने लगे. हालांकि परिवार ने पुलिस पर भरोसा ना जताते हुए उसे खुद ही ले जाने का फैसला किया.
Whatsapp Image 2021 07 15 At 6.58.13 Pm (1)
हमले के दौरान दारोगा से मोबाइल छीनता एक व्यक्ति. (स्क्रीनशॉट- आशीष श्रीवास्तव)
पुलिस के दावे उधर, लखनऊ पुलिस की नॉर्थ जोन की एडीसीपी प्राची सिंह ने बताया कि चोरी के आरोप में अरुण को पूछताछ के लिए लाया गया था. पुलिसकर्मी उससे पूछताछ कर रहे थे, तभी एकाएक अरुण बेहोश हो गया. प्राची सिंह का कहना है कि आरोपी को थर्ड डिग्री देने की बात पूरी तरह निराधार है, उलटा पुलिस से धक्का-मुक्की की गई. बकौल प्राची सिंह,
'बवाल की सूचना पर मैं खुद, सीओ और इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह पेपर मिल चौकी पहुंचे. वहां काफी हंगामा हो रहा था. हमने लोगों को समझाने का प्रयास किया. पर हालात बेकाबू हो चुके थे. यहां तक की परिवार के लोग आरोपी को पुलिस से छुड़ाकर खुद ही अस्पताल ले गए. हमने प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की है. उन्होंने भी कहा कि अरुण के घर वालों ने चौकी के बाहर जमकर हंगामा किया. उनकी महिलाओं ने सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया.'
वहीं, डीसीपी देवेश पांडे का भी कहना है कि थर्ड डिग्री का आरोप पूरी तरह गलत है. उन्होंने बताया कि फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि किस-किस ने पुलिस के साथ मारपीट और अभद्रता करने की कोशिश की. डीसीपी ने कहा कि ऐसे हरेक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उधर, चोरी के आरोपी अरुण को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. वो अभी अपने घर पर है. ठीक हो जाने के बाद पुलिस उससे पूछताछ शुरू करेगी.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement