पिछले साल अक्टूबर में गोवा के पणजी से एक शव बरामद हुआ था. कुछ दिनों पहले ही पणजी से एक शख्स लापता हो गया था. परिवार वालों ने दावा किया शव उसका ही है. अंतिम संस्कार भी कर दिया. कुछ महीनों बाद पता चला कि लापता हुआ शख्स तो जिंदा है. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिस शख्स का अंतिम संस्कार किया गया वो कौन था.
घरवालों ने तो अंतिम संस्कार भी कर दिया था, फिर पुलिस को ज़िंदा कैसे मिला वो शख्स?
एक दिन Goa पुलिस को Mumbai Police से अगासैम के रहने वाले मार्कोस मिलाग्रेस नाम के शख्स के बारे में जानकारी मिली. शख्स को अगासैम पुलिस स्टेशन लाया गया और परिवार हैरान रह गया.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला पणजी के पास अगासैम गांव का है. यहां रहने वाले 59 साल के मार्कोस मिलाग्रेस पिछले साल अचानक लापता हो गए थे. परिवार वालों ने अक्टूबर में पुलिस के पास गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें एक शव बरामद होने की जानकारी दी.
अगासैम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर विक्रम नाइक ने बताया कि परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि शव मिलाग्रेस का ही है. इसके बाद उन्होंने शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
दो महीने से ज्यादा समय बीत गया. एक दिन गोवा पुलिस को मुंबई पुलिस से अगासैम के रहने वाले मार्कोस मिलाग्रेस नाम के शख्स के बारे में जानकारी मिली. शख्स को अगासैम पुलिस स्टेशन लाया गया जहां उसके परिवार ने उसकी पहचान की. वो मार्कोस मिलाग्रेस ही निकला. वो भी जिंदा. पुलिस ने बताया कि मार्कोस बिना परिवार को बताए मुंबई चला गया था. अभी तक नहीं पता चला है कि मिलाग्रेस के परिवार को किसका शव सौंपा गया था.
एक महीने पहले ही इस तरह का एक मामला उत्तराखंड से भी सामने आया था. 42 साल का नवीन भट्ट शराब पीता था और पिछले नौ सालों से लापता था. 23 नवंबर को नवीन के पिता को पुलिस ने बताया कि उन्हें हल्द्वानी में एक लावारिस शव मिला है और उसकी जेब से मिली पर्ची में लिखा है कि उसका नाम नवीन भट्ट है. परिवार ने उसका क्रियाकर्म भी कर दिया. इस पर नवीन के दोस्त ने दावा किया कि वो जिंदा है. वीडियो कॉल पर सबूत भी दे दिया.