The Lallantop

ट्विटर से इंसाफ दिलाने वालों में योगी आदित्यनाथ भी हुए शामिल

यूपी में दबंगों की दबंगई का शिकार हुए परिवार को वाया ट्विटर मिल रहा है इंसाफ.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
उत्तर प्रदेश के नए नवेले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में से एक और ‘सुषमा स्वराज’ निकल आने के आसार नज़र आ रहे हैं. ये तो सबको पता है कि लालफीताशाही से आजिज़ लोग सुषमा स्वराज को सीधे ट्विटर पर अपनी समस्याएं कह देते हैं और वो भी हल की दिशा में कोशिश करती है. उसी तरह योगी आदित्यनाथ ने भी ट्विटर पर आई एक सूचना के आधार पर पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम किया है.
छेड़छाड़ और मारपीट के केस में न्याय दिलाने में पुलिस की हीला-हवाली से तंग आकर पीड़िता ने मुखमंत्री को टैग करके ट्विटर पर अपनी शिकायत की कॉपी अपलोड कर दी. उसके बाद से मामला पलट गया.
घटना होली वाले दिन की है. कल्याणपुर के अंबेडकरपुरम में रहने वाले कारोबारी बुद्धिरतन गौतम का पड़ोसी सुजीत गौतम से पुराना विवाद था. सुजीत गौतम की छवि इलाके में दबंग शख्स की है. आरोप है कि होली वाले दिन सुजीत, उसका बेटा रोहन और उनके कुछ साथी शराब के नशे में उनके घर में घुस आएं और उनकी बेटियों के साथ छेड़छाड़ की. विरोध करने पर गाली-गलौच की. एक बेटी को बाल पकड़ कर नीचे पटक दिया. बाकियों पर हथियारों से हमला कर दिया जिसमें उन्हें काफी चोटें आईं. उनकी पत्नी और दोनों बेटियां पांच दिन तक अस्पताल में एडमिट रहे. मेडिकल रिपोर्ट में भी चोटों का ज़िक्र है.
पुलिस को एप्रोच किये जाने पर उन्होंने कान से मक्खी उड़ाई. एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया गया. यहां तक कि प्रार्थनापत्र फाड़कर फेंक दिया.इस सारे मामले को बुद्धिरतन गौतम की बेटी आस्था गौतम ने मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. अपने प्रार्थनापत्र को ट्विटर पर अपलोड करके उसमें योगी आदित्यनाथ, सीएम ऑफिस, यूपी पुलिस, डीजीपी, आईजी सबको टैग कर दिया.
astha तुरंत नतीजा निकला. डीजीपी ऑफिस से कानपुर के एसपी वेस्ट सचींद्र पटेल को फोन आया और जांच करने का हुक्म हुआ. एसपी साहब खुद पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और मेडिकल कराने के निर्देश दिए. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें बना कर छापेमारी जारी है. कानपुर नगर पुलिस ने आस्था के ट्वीट को री-ट्वीट करके लिखा, “थाना कल्याणपुर को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है.” astha1 सोशल मीडिया पर नेताओं की मौजूदगी से कुछ तो फायदा होता नज़र आ ही रहा है. बिना किसी बैरियर के सीधे नेताजी तक पहुंच बन पा रही है. ये बदलाव स्वागतयोग्य है.
ये भी पढ़ें: लखनऊ के इस IPS ने योगी सरकार पर लगाए संगीन इल्जाम योगी ने ये विभाग किसी को नहीं दिए अपने पास रखे, पर क्यों? ट्विटर पर आ गए हैं असली योगी आदित्यनाथ, पर पहचानें कैसे क्या है योगी आदित्यनाथ की बताई जा रही वायरल तस्वीरों का सच?

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement