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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा- कोरोना वायरस एक प्राणी, उसे भी जीने का हक; लोग बोले- इन्हें नोबेल दीजिए

उत्तराखंड के सीएम रहे त्रिवेंद्र सिंह के बयान पर लोगों ने खूब मजे लिए.

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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हम समझते हैं कि हम ही सबसे ज्यादा बुद्धिमान हैं, लेकिन वह प्राणी भी जीना चाहता है. बचने के लिए रूप बदल रहा है. (फाइल फोटो)
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत. अपने एक बयान की वजह से चर्चा में हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें रावत कह रहे हैं कि कोरोना वायरस प्राणी है, उसे भी जीने का अधिकार है. रावत के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. लोगों ने मजे लेते हुए कहा कि लगता है त्रिवेंद्र सिंह रावत अब कोरोना पालने वाले हैं. एक ने कहा कि कोरोना प्राणी है तो इसका आधार और राशन कार्ड भी होगा. एक ने तो इस खोज के लिए रावत को नोबेल पुरस्कार देने की मांग कर दी. 'कोरोना भी जीने के लिए रूप बदल रहा है' उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने को एक इंटरव्यू दिया. इसमें उनसे पूछा गया कि कोरोना पर सरकार को किस तरह की तैयारियां करने की जरूरत है? आप सरकार को क्या सलाह देना चाहेंगे? उन्होंने कहा-
ये अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि ये बीमारी कब तक रहेगी. व्यवस्था बढ़ाना जरूरी है. लेकिन हमने ऑक्सीजन प्लांट भी लगा दिए. बेड की सुविधाएं भी बढ़ा दीं. हमने भवन भी बना दिए. हमारे जो सरकारी भवन हैं, उनमें कोविड केयर सेंटर बना दिए. लेकिन उसके लिए न चारपाई इलाज करने वाली है और ना भवन इलाज करने वाला है और ना ही ऑक्सीजन स्वयं इलाज करने वाली है. उसके लिए जो हाथ चाहिए. जो डॉक्टर चाहिए, वो आपके पास कितनी संख्या में हैं, इस पर भी विचार करना चाहिए. जो तमाम संसाधन इस बीमारी को दुरुस्त करने के लिए चाहिए, वो भी देखने चाहिए कि हमारे पास कितने हैं. मैं ये कह सकता हूं कि संसाधन इस दौरान बहुत बढ़े हैं. जो लोग कहते हैं कि कुछ नहीं हुआ है, उनसे मैं सहमत नहीं हूं. आप आंकड़ा उठाकर देखिए, कितनी संख्या बढ़ी है. लेकिन आवश्यकता बहुत अधिक है.
इसी सवाल के जवाब में उन्होंने आगे कहा,
कोई ये पुख्ता तौर पर नहीं कह सकता कि जून में ये स्थिति हो जाएगी, जुलाई में ये स्थिति हो जाएगी. छह महीने बाद ये स्थिति हो जाएगी, या सालभर बाद ये स्थिति हो जाएगी. कोई नहीं कह सकता.
त्रिवेंद्र सिंह रावत का जो बयान वायरल हो रहा है, उसमें वो कह रहे हैं,
जब मैं अपना इलाज कराकर दिल्ली से लौट रहा था तो मैंने उस दिन एक बड़ी दार्शनिक बात कही थी. मैंने मीडिया से कहा था कि देखो ये एक दार्शनिक पथ है कि वो वायरस भी एक प्राणी है. हम भी एक प्राणी हैं. हम अपने को ज्यादा बुद्धिमान समझते हैं. हम समझते हैं कि हम ही सबसे ज्यादा बुद्धिमान हैं, लेकिन वह प्राणी भी जीना चाहता है. उसको भी जीने का अधिकार है. हम उसके पीछे लगे हुए हैं. वह बचने के लिए रूप बदल रहा है. बहुरूपिया हो गया है. ठीक है ना. 
पूर्व सीएम ने आगे कहा,
आज उसके लिए हमने वैक्सीन बना दी. उसने कहा ठीक है. उसने अपनी ताकत बढ़ा दी. उसकी भी स्प्रेड करने की ताकत बढ़ी है. इसलिए हमको इस वायरस से दूरी बनाकर चलनी पड़ेगी. तू भी चलता रहे, हम भी चल रहे हैं, लेकिन हमारी चाल तेज होनी चाहिए. हम तेजी से आगे बढ़ें, ताकि वायरस पीछे छूट जाए. ये दार्शनिक की तरफ से कह रहा हूं मैं. तो हमको उस ओर भी सोचने की जरूरत है, क्योंकि वो भी जीवन है. वो भी जीने के लिए तमाम तरह के रूप बदल रहा है. अपनी ताकत बढ़ा रहा है. तो हमको अपनी ताकत भी बढ़ानी है. उससे तेज चलना है ताकि वो पीछे छूट जाए, और हम आगे बढ़ जाएं.
सोशल मीडिया पर लोगों ने क्या-क्या कहा? त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान के बाद लोगों ने प्रतिक्रियाओं से सोशल मीडिया पाट दिया. कुछ ट्वीट्स देखिए- त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी निशाना साधा. उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य के सीएम रहे रावत का ये बयान मूर्खता और बकवास के अलावा कुछ नहीं है. उन्होंने अपना आपा खो दिया है. उनके पास कोई दूरदृष्टि नहीं है. इसी के कारण उनकी पार्टी में ऐसी गति हुई है. वहीं बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह ने जवाब में कहा कि कांग्रेस सिर्फ गंदे खेल खेल रही है. इस महामारी में भी सब कुछ नकारात्मक देख रही है.

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