शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने 'पार्टी से सदस्यता खत्म करने' को लेकर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक 'व्हिप का इस्तेमाल विधानसभा के कार्यों में किया जा सकता है, न कि पार्टी मीटिंग के लिए'.
एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे को जवाब - "हमको धमकी मत दीजिए, हमको भी कानून पता है"
उद्धव ठाकरे की मीटिंग में शामिल न होने पर शिवसेना ने 12 विधायकों को बर्खास्त करने की मांग की है.

दरअसल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में खड़े हुए राजनीतिक संकट के बीच अपने पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी. लेकिन इसमें उनके बेटे आदित्य ठाकरे समेत 13 ही विधायक पहुंचे. जबकि 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के 55 विधायक हैं.
इसे लेकर शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर मांग की है कि मीटिंग में शामिल नहीं होने वाले 12 विधायकों की सदस्यता खत्म की जाए.
इस पर एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा,
'आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपके धड़े और कानून भी जानते हैं! संविधान की अनुसूची 10 के अनुसार, व्हिप का प्रयोग विधानसभा के कार्य के लिए किया जाता है, बैठकों के लिए नहीं. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं.'
उन्होंने आगे कहा,
'आप 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अर्जी देकर हमें डरा नहीं सकते हैं, क्योंकि हम शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के असली शिवसेना और शिव सैनिक हैं.'
एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा और कहा कि वे बिना पर्याप्त विधायकों के सरकार चला रहे हैं.
उन्होंने कहा,
'हम कानून भी जानते हैं, इसलिए हमें धमकी न दें. आपके संख्याबल नहीं है, उसके बिना ही सरकार चला रहे हैं. अब हम आपके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं.'
मालूम हो कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सरकार से बगावत करके 40 से अधिक विधायकों के साथ असम की गुवाहाटी में ठहरे हुए हैं. राज्य की विधानसभा में कुल 287 सीटें हैं. इसलिए विश्वासमत जीतने के लिए 144 वोटों की जरूरत है.
शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर 169 सीटों के साथ सरकार बनाई थी. ऐसे में यदि शिंदे कैंप के विधायक इस्तीफा देते हैं, तो महा विकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में चली जाएगी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार गिर सकती है.