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अब ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फारूक अब्दुल्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं

मामला JKCA के फंड में कथित घोटाले से जुड़ा है.

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फारूक अब्दुल्ला को कुछ दिनों पहले ईडी ने श्रीनगर में पूछताछ के लिए भी बुलाया था. (फोटो क्रेडिट- PTI)
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ से जुड़े कथित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से कई नए खुलासे किए गए हैं. ईडी का दावा है कि फारूक 45 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शामिल थे. ईडी ने अपनी जांच के बाद कहा है कि जब फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने कई नियुक्तियां गलत तरह से की थीं. इसी के जरिए उन्होंने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (JKCA) को मिले फंड का गलत इस्तेमाल किया. ईडी ने आरोप लगाया कि फारूक ने निजी लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. ईडी के मुताबिक,
"साल 2005-6 से लेकर दिसंबर 2011 तक JKCA को BCCI से 109.78 करोड़ का फंड मिला. साल 2006 से लेकर जनवरी 2012 तक जब फारूक अब्दुल्ला JKCA के अध्यक्ष थे, 45 करोड़ का गबन किया गया."
ईडी ने दावा किया कि जांच से उसे पता चला है कि इस पैसे को निकालने के लिए 6 नए बैंक खोते खोले गए थे. इनके जरिए 25 करोड़ से अधिक रुपये निकाले गए और पर्सनल अकाउंट्स में डाले गए. फारूक पर ईडी की कार्रवाई ईडी ने हाल ही में बड़ा एक्शन लेते हुए फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति सीज़ कर दी थी. फारूक के तीन घर, दो प्लॉट और एक कमर्शियल प्रॉपर्टी अटैच की गई थी. इनकी कीमत 12 करोड़ तक बताई जा रही है. ईडी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ भी की थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस का आरोप है कि उसकी आवाज को दबाने के लिए उसके नेता को निशाना बनाया जा रहा है. फारूक के बेटे उमर अब्दुल्ला भी लगातार ट्वीट करके ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. इस कथित धांधली की जांच पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी. बाद में कोर्ट ने केस सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई ने अपनी जांच में फारूक को शामिल किया था, और चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल निकलने पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू की. इस केस में फारूक के अलावा क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव, कोषाध्यक्ष और J&K बैंक का एक कर्मचारी भी आरोपी है.

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