प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी को अवैध कोयला खनन और रंगदारी से जुड़े केस में गिरफ्तार किया है. स्पेशल कोर्ट ने 2 दिसंबर को सीनियर अधिकारी सौम्या चौरसिया (Soumya Chaurasia) को गिरफ्तारी के बाद 4 दिन की हिरासत में भेज दिया. ED ने 14 दिनों की हिरासत की मांग की थी. सौम्या चौरसिया को अब 6 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
कौन हैं सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी जिन्हें ED ने गिरफ्तार कर लिया है?
ये पूरा कथित घोटाला 150 करोड़ रुपये से ज्यादा का है.

इंडिया टुडे से जुड़े मुनीष चंद्र पांडेय की रिपोर्ट के मुताबिक, ED की छानबीन से पहले आयकर विभाग ने सौम्या चौरसिया की संपत्तियों पर छापेमारी की थी. सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीने में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने सौम्या से कई बार पूछताछ की थी. ED ने ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत की है. मामला छत्तीसगढ़ में कोयले पर अवैध रूप से वसूली का है. आरोप है कि कार्टेल बनाकर हर टन कोयले पर 25 रुपये अवैध रूप से वसूले जाते थे, जिसमें सीनियर अधिकारी, व्यवसायी और राजनेता भी शामिल हैं.
आयकर विभाग द्वारा FIR दर्ज करने के बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि ED सीनियर अधिकारियों की भूमिका और इस पूरी नेटवर्किंग की विस्तार से जांच कर रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये पूरा कथित घोटाला 150 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. सौम्या चौरसिया छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा (CAS) से आने वाली अधिकारी हैं. साल 2018 में भूपेश बघेल की सरकार बनने पर उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय जॉइन किया था. जुलाई में आयकर विभाग ने सौम्या चौरसिया के घर छापेमारी कर 14 करोड़ रुपये के 'अघोषित' कैश और ज्वेलरी बरामद किए थे. आरोप है कि उन्होंने कई करोड़ के इनकम टैक्स भी जमा नहीं किए.
फरवरी 2020 में सबसे पहले आयकर अधिकारियों ने सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित घर पर छापेमारी की थी. इस कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल ने नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और छापेमारी को 'असंवैधानिक' और 'राजनीति से प्रेरित' बताया था. मुख्यमंत्री ने तब आरोप लगाया था कि छापेमारी तब की गई जब उनकी सरकार ने पुरानी बीजेपी सरकार में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच शुरू की.
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद सीएम भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक कार्रवाई बताया. बघेल ने ट्विटर पर लिखा कि वो इसके खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे.
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