The Lallantop

अमित शाह जी, ABVP का सबसे बड़ा नेता गुंडई कर रहा है

सतेंदर अवाना ने एक प्रोफेसर का गिरेबान पकड़ लिया. नंदिता नारायण ने दखल दिया तो अवाना बोले, अपनी उमर देख, तू नक्सली है.

Advertisement
post-main-image
DUSU प्रेसिडेंट सतेंदर अवाना.
ज्ञान शील एकता. परिषद की विशेषता.
ये नारा है बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का. बल्कि नारा नहीं, वो इसे 'ध्येय वाक्य' कहते हैं.

अब 'ज्ञान शील एकता' का उदाहरण देखिए. दिल्ली यूनिवर्सिटी के ABVP प्रेसिडेंट सतेंदर अवाना की करतूत.

दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की यूनियन है डूटा (DUTA). सोमवार को दौलतराम कॉलेज में सुविधाओं की कमी और फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था. और ये प्रोटेस्ट तब्दील हो गया गुंडागर्दी में. सतेंदर अवाना की अगुवाई में ABVP के लोगों ने DUTA के उम्रदराज प्रोफेसरों के साथ बद्तमीजी की, उन पर देशद्रोह के आरोप लगाए और आपत्तिजनक बातें कहीं.
प्रोटेस्ट कर रहे प्रोफेसर और स्टूडेंट्स वीसी ऑफिस पहुंचे. DUTA और एकेडमिक्स ऑफ ऐक्शन एंड डेवलपमेंट के शिक्षक भी इन छात्रों के समर्थन में यहां मौजूद थे.
DUTA के मुताबिक, इसी दौरान डूसू (दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन) अध्यक्ष सतेंदर अवाना गेट कूदकर अपने लोगों के साथ भीतर आए और DUTA प्रोफेसरों पर देशद्रोह के आरोप लगाए. इसके बाद उन्होंने भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगाने शुरू कर दिए. जो प्रोटेस्ट कॉलेज प्रशासन के खिलाफ था, वो अचानकर राष्ट्रवादी नारों से गूंजने लगा.
मौके पर मौजूद पूर्व DUTA अध्यक्ष आदित्य नारायण के मुताबिक, 'सतेंदर अवाना ने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए शिक्षकों पर बेबुनियाद आरोप लगाए. उसने कहा कि ये कन्हैया कुमार के समर्थक हैं, पाकिस्तान के समर्थन के नारे लगाते हैं और कश्मीर की आज़ादी की बात करते हैं.' हद तो तब हो गई जब सतेंदर अवाना ने शिक्षकों का कॉलर पकड़कर यही बातें जोर-जोर से चिल्लाने लगे.
डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण के मुताबिक, ''मैंने बीच-बचाव की कोशिश की, तो अवाना ने कहा, 'अपनी उमर देख, तू नक्सली है. DUSU प्रेसिडेंट का ये बयान न सिर्फ आपत्तिजनक है, बल्कि निंदनीय है.''
नंदिता नारायण
नंदिता नारायण

और सतेंदर अवाना को मालूम होना चाहिए कि ये वही नंदिता नारायण हैं, जिनकी शिकायतों को पूर्व HRD मंत्री स्मृति ईरानी पूरी गंभीरता से सुनती थीं. उनकी बातों को मान देती थीं.

क्या कहना है अवाना का?

सतेंदर अवाना के भी अपने आरोप हैं. उनका कहना है, ''शिक्षकों के दल में चार छात्राएं ऐसी भी थीं, जिन्होंने जेएनयू में 9 फरवरी को देशविरोधी नारे लगाए थे. इतना ही नहीं, कुछ शिक्षकों ने डूसू कार्यकर्ताओं और छात्रों के साथ अभद्रता की और 'वंदे मातरम्' और 'भारत माता की जय' कहने पर हमें अपशब्द कहा.''
अवाना ने कहा, 'यहां पर चार ऐसी छात्राएं भी आई थीं, जिनको हमने जेएनयू में देश विरोधी नारों के वीडियो में देखा था. यहां एक ऐसे व्यक्ति को भी हमने देखा, जो कन्हैया के साथ था. आशंका है कि ये लोग देश विरोधी घटना की साजिश रच रहे हैं और डीयू को अस्थिर करना चाहते हैं.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ सतेंदर अवाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ सतेंदर अवाना
सतेंदर अवाना अपनी आंखों में कैमरा लेकर चलते हैं. जेएनयू मामले की जांच कर रही पुलिस टीम चाहे तो उनसे संपर्क कर सकती है. उनका दावा है कि वे उन चार लड़कियों को पहचानते हैं, जो जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगा रहे थे.
DUTA और NSUI ने डीयू प्रशासन से सतेंदर अवाना के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही DUTA ने इस झड़प और अभद्र कमेंट की शिकायत मौरिस नगर थाने में भी की गई है.
ABVP कई बार DUSU में सीटें जीतती रही है. लेकिन इस बार सतेंदर अवाना गुंडई की वजह से कई बार सुर्खियों में आ चुके हैं. सोमवार को ही अवाना और उनके लोगों ने लॉ फैकल्टी में भी दबंगई दिखाई. दाखिले में देरी के खिलाफ प्रदर्शन था. अवाना एंग्री यंग मैन की तरह पहुंचे और लॉ डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर एससी रैना के दफ्तर का फर्नीचर बाहर निकलवाकर फिंकवा दिया. फिर दफ्तर पर ताला भी लगवा दिया.
सतेंदर अवाना जब DUSU चुनाव के लिए खड़े हुए थे, तो उनके काफिले में नारा लगता था, 'फॉर्चूनर से रवाना, सतेंदर अवाना.'
सतेंदर अवाना ही थे, जिन्होंने 'द क्विंट' वेबसाइट के पत्रकारों को DU में शूट करने से रोक दिया और कहा, 'आप परमिशन लिए बिना शूट नहीं कर सकते. मैं ऑडियंस नहीं हूं. दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रेसिडेंट हूं.'
मामला पुलिस तक पहुंचा था और पुलिस के सामने दोनों पक्षों ने अपनी बात कही थी. यहां भी सतेंदर अवाना की टोन धमकी वाली थी. कह रहे थे, 'परमिशन लेनी पड़ेगी. वरना भुगतना.' वीडियो देखिए.
https://www.youtube.com/watch?v=7cjtTwJNIC0
ABVP बीजेपी का ही पुत्र-संगठन है. अक्सर संघ प्रचारक ही पर्दे के पीछे से इसके संगठन का काम-काज संभालते हैं. नरेंद्र मोदी ने जैसा कड़ा संदेश फर्जी गोरक्षकों को दिया है, सतेंदर अवाना की लगाम भी कसी जाए. ऐसा न हो कि इनका नारा बदलकर हो जाए, 'गुंडई, मारपीट, अभद्रता. परिषद की विशेषता.'


ये भी पढ़ें:
केजरीवाल और मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं: 13 सबूत

देखिए मितरों, मोदी जी आपसे कितना प्यार करते हैं!

अलीगढ़ रेलवे स्टेशन PM मोदी का फेवरेट है, जानिए क्यों

बेस्ट पीएम मोदी और यूनेस्को के नाम पर आप बुद्धू बन गए हो

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement