अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ‘नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन’ (NATO) पर दबाव बनाया है कि वो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर भारी टैरिफ लगाएं. ट्रंप का मानना है कि ऐसा करने से रूस पर दबाव बनेगा और वो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध खत्म करेगा. रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाले देश चीन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका को स्पष्ट संदेश देते हुए उसने कहा कि चीन न तो युद्ध की साजिश रचता है और न ही युद्ध में भाग लेता है.
100% टैरिफ के लिए NATO को 'भड़काने' वाले ट्रंप को चीन ने पता है क्या जवाब दिया?
NATO और 'दुनिया' के नाम लिखे लेटर में Donald Trump ने कहा कि वो रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाएंगे अगर NATO रूस से तेल खरीदने वालों पर भारी टैरिफ लगाएगा.


इंडिया टुडे ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से बताया है कि स्लोवेनिया की यात्रा के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि युद्ध से समस्याएं हल नहीं हो सकतीं और प्रतिबंध लगाने से ये और भी जटिल हो जाता है.
डॉनल्ड ट्रंप ने NATO के लिए खत लिखावांग यी का बयान ऐसे वक्त में आया जब ट्रंप ने NATO के सदस्यों पर दबाव बनाया कि वो चीन पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगाएं. ट्रंप ने NATO सदस्यों और ‘दुनिया’ को संबोधित करते हुए एक पत्र में लिखा,
मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूं, जब सभी NATO देश इसके लिए सहमत हो जाएंगे और ऐसा करना शुरू कर देंगे और जब सभी NATO देश रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे.
ट्रंप ने आगे लिखा कि कुछ NATO देश अब भी रूस से तेल खरीद रहे हैं, जिसको देखकर उन्हें हैरानी होती है. क्योंकि ट्रंप का मानना है कि ये रूस के साथ बातचीत और सौदेबाजी की शक्ति को बहुत कमजोर करता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने NATO से आग्रह किया है वो सामूहिक रूप से कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि अगर NATO के सदस्य देश प्रतिबंध लगाने के लिए एकमत हो जाते हैं, तो वो भी ऐसा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने लिखा,
मैं भी आपके साथ चलने (रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने) को तैयार हूं. बस बताइए कब?
इसके अलावा, अमेरिका ने G7 देशों से भी कहा है कि वो रूसी तेल खरीदने वाले भारत और चीन पर टैरिफ लगाकर रूस पर दबाव बनाएं. G7 में अमेरिका के अलावा कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.
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रूस पर कोई सीधी कार्रवाई नहींअमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जो पहले से मौजूद 25 प्रतिशत टैरिफ में जुड़कर 50 प्रतिशत हो गया है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने अब तक चीन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. यहां तक कि ट्रंप जिस रूस पर दबाव बनाना चाहते हैं, उसके खिलाफ भी उन्होंने कोई सीधा एक्शन नहीं लिया है और भारत पर भारी टैरिफ लगा दिया है.
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