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जिस कुत्ते की सेवा के लिए पुलिसवालों को मोदी से तारीफ मिली थी, उसकी मौत हो गई है

'मन की बात' कार्यक्रम में इसकी तस्वीर भी दिखाई गई थी.

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(बाएं) राकेश नाम के कुत्ते की सेवा करते पुलिसकर्मियों की यही तस्वीर 'मन की बात' कार्यक्रम में दिखाई गई थी. (दाएं) राकेश के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते पुलिसकर्मी और PAC जवान. (फोटो- उस्मान)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. इनका हर महीने एक कार्यक्रम आता है- 'मन की बात'. 29 नवंबर को भी एक कार्यक्रम प्रसारित हुआ था. इसमें पीएम ने बेसहारा लोगों और जानवरों की मदद करने वालों की तारीफ की थी. इसी दौरान शो में एक बीमार कुत्ते की तस्वीर दिखाई गई थी. पुलिसवाले उसकी सेवा करते नज़र आ रहे थे. उसे भयंकर ठंड के दौरान बोरा जलाकर गर्मी देते दिख रहे थे. पानी पिला रहे थे. अब इसी कुत्ते से जुड़ी एक दुखद खबर सामने आई है. खबर ये है कि ये कुत्ता अब इस दुनिया में नहीं रहा. इसका नाम राकेश था. मेरठ में पुलिसवालों ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन मंगलवार 1 दिसंबर के दिन उसकी मौत हो गई.

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Mann Ki Baat
'मन की बात' का स्क्रीनशॉट.

'इंडिया टुडे' के उस्मान ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मेरठ के जो पुलिसकर्मी राकेश की सेवा करते थे, बहुत दुखी हैं. उन्होंने बाकायदा राकेश की अंतिम यात्रा निकाली. कमिश्नरी पार्क में गड्ढा खोदकर उसके शव को दफनाया.

मालिक ने छोड़ दिया था

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दरअसल, इस कुत्ते का मालिक राकेश चाय की दुकान लगाता था. कोरोना काल के शुरुआती दिनों में वह मेरठ के कमिश्नरी चौराहे पर इसे छोड़कर चला गया था. तभी से पुलिस वाले ही उसकी देखभाल कर  रहे थे. उन्होंने मालिक के नाम पर ही कुत्ते का नाम राकेश रख दिया था. कुत्ता कमिश्नरी चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों और PAC (प्रोविजनल आर्म्ड कांस्टेबलरी) के जवानों के साथ रहता था. पुलिसकर्मी और PAC जवान भी उसे अपना साथी मानकर बड़े प्यार से रखते थे. खाना खिलाते थे. ध्यान रखते थे. लेकिन राकेश बीमार पड़ गया. पुलिसवालों और PAC जवानों ने राकेश को बचाने की बहुत कोशिश की. आग जलाकर गर्मी पहुंचाई. दवा दी. अस्पताल भी पहुंचाया. लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं. एनिमल केयर सोसायटी, मेरठ के महासचिव अंशु माली वशिष्ठ ने बताया,

"मेरे पास 25 तारीख को कॉल आया. इसका (राकेश) लिवर और किडनी, दोनों ही डेमेज थे. तब से ही मैं इसे लगातार ट्रीटमेंट दे रहा था. जो बेस्ट ट्रीटमेंट दिया जा सकता था. पूरी कोशिश की गई. मेरे साथ पूरी फोर्स, PAC के जवान सब लगे हुए थे. सब कोशिश में थे कि ये जल्द ठीक हो जाए. बीच में इसकी तबीयत सुधरी भी, तब ये रात में बाहर निकल जाता था. उसी दौरान ठंड लगने के कारण फिर बीमार हो गया, और आखिर में सबको छोड़कर चला गया."

दरोगा उमेश सिंह ने बताया कि कमिश्नरी चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी और PAC जवान राकेश को बहुत प्यार करते थे. उसके जाने से सभी बहुत दुखी हैं.

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