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ऐसी चप्पल पहनते हैं तो आपके पांव खतरे में हैं

सोचते होंगे, क्या जूते बांधें. फटाफट चप्पल पहन लेते हैं. मगर ये आपको बीमार कर सकता है.

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फोटो - thelallantop
हमको चप्पल सबसे सही लगती है. न झुककर चर्र-चर्र टेप चिपकाना पड़ता है न बैठकर 10 घंटा डोरी बांधनी पड़ती है. बस सट से पैर में चढ़ाओ और फट से निकल लो. हमारे बचपने में चप्पल डाउन मार्केट मानी जाती थी. लेकिन अब तो सो कॉल्ड इलीट क्लास पहन रहा है चप्पल. मार्केट में बढ़िया, ब्रांडेड चप्पलें आने लगी हैं. रंग-बिरंगी, प्रिंटेड, कोट लिखी हुई, डिजाइनर चप्पलें. 100 रुपए से लेकर तीन-चार हज़ार तक की चप्पलें दिख जाती हैं. आप सोचेंगे काहे चप्पल गाथा सुनाई जा रही है. वो इसलिए कि आज सुबह-सुबह कुछ ऐसा पढ़ लिया. और तबसे कभी हमें हमारी चप्पलें याद आ रही हैं. chappal 4 ये बात तो सबको पता है कि चप्पल पहनने से पैरों में चोट लगने का ख़तरा बढ़ जाता है. नाख़ून टूटने, कीट-पतंगों के काटने और धूप से पैर काले होने का मसला होता है. कई बार तो चप्पल की डिजाइन हमारे पैरों में भी छप जाती है. माने पूरा पैर काला हो गया और जहां चप्पल की पट्टी होती है वहां का स्किन कलर पहले जैसा रह गया. बन गई न डिजाइन. लेकिन इससे बड़ा ख़तरा भी सामने आया है.
अमेरिका के एक राज्य नॉर्थ कैरोलीना में एक द वेक फॉरेस्ट बेपटिस्ट मेडिकल सेंटर है. यहां की डॉक्टर क्रिस्टीना ने बताया कि चप्पल पहनने से पैरों की नसों में दिक्कत आ सकती है. इससे पीठ में दर्द की शिकायत हो जाती है.
अगर आप नौकरी करते हैं या दुकान पर भी बैठते हैं तो पीठ दर्द की शिकायत तो वैसे भी आपके गले पड़ चुकी होगी. हमारे यहां तो हर तीसरा शख़्स इस पीठ दर्द को लादे घूम रहा है. तो देख लीजिए कि कहीं डूड-यो बनने या मेरी तरह आलस के चक्कर में चप्पल पहनकर आफत तो नहीं मोल ले ली है.
डॉक्टर साहिबा आगे कहती हैं, इससे कई बार लोगों में प्लांटर फैसाइटिस का मर्ज भी हो जाता है. इसमें तलवों से उंगलियों को जोड़ने वाले हिस्से में सूजन आ जाती है. पैर में बहुत दर्द होता है.
पैरों की डॉक्टर और टखने की सर्जन ने डेली मेल को बताया कि, चप्पल से पंजे को कोई सपोर्ट नहीं मिलता. जबकि पंजे, एड़ी और पैर के अगले हिस्से के बीच सपोर्ट होना चाहिए. लगातार चप्पल पहनने और गलत तरीके से किए गए इसके इस्तेमाल से कई दिक्कतें हो सकती हैं. एक बार नस में लोचा हो जाए तो महीनों लग जाते हैं इसे ठीक होने में. इससे हमेशा के लिए विकलांगता भी हो सकती है. chappal 2

लिख लो कब नहीं पहननी चप्पल

कुछ काम करते समय चप्पल बिल्कुल नहीं पहननी चाहिए. जैसे दौड़ने, खेलने, ड्राइविंग करने, पैदल लंबे सफ़र में और शारीरिक मेहनत करते वक़्त. मुझे तो वो मजदूर याद आ रहे हैं जो रोज़ सुबह चौराहों पर खड़े हो जाते हैं काम पाने के लिए. उनमें से लगभग सभी के पैरों में हवाई चप्पलें होती हैं.

यहां बुरी नहीं है

डॉक्टर साहिबा ये भी कहती हैं कि थोड़े समय के लिए चप्पल पहनने में कोई बुराई नहीं है. अगर चप्पल का सोल यानी पैर रखने की जगह मुलायम हो तो और बढ़िया बात है. समंदर किनारे, स्विमिंग पूल के पास, नहाते समय और कम दूरी पर जाने के लिए चप्पल का दूसरा विकल्प नहीं है. और अगर आप अपने पैरों को हवा ही लगाना चाहते हैं तो सैंडिल से काम चला लीजिए. हवा भी आएगी और पैरों को कोई तकलीफ़ भी नहीं होगी. तो पढ़ने वालो, तुम तो जान गए चप्पल का नफ़ा-नुकसान. अगल-बगल वालों को कौन बताएगा. चलो ख़बर का लिंक शेयर करो.

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