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MP: दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, पिछले साल भतीजे के साथ भी यही हुआ था, मामला क्या है?

मामला Madhya Pradesh के Sagar जिले का है. पुलिस सूत्रों से पता चला है कि खुरई थाना क्षेत्र में 25 मई को कुछ लोगों ने पुरानी रंजिश के चलते 24 साल के राजेंद्र अहिरवार की हत्या कर दी.

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पुलिस ने मामले पर दी जानकारी (सांकेतिक फोटो- इंडिया टुडे)

मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दलित शख्स की पीट-पीटकर हत्या का मामला सामने आया है (MP Sagar Dalit Beaten to Death). खबर है कि शव को एंबुलेंस से ले जाते समय शख्स की भतीजी की भी सड़क पर गिरने से मौत हो गई. इस घटना के तार पिछले साल दलित युवक के साथ हुए 'उत्पीड़न' के मामले से जुड़े हुए हैं. उसकी भी कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.

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आजतक ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि खुरई थाना क्षेत्र में 25 मई को कुछ लोगों ने पुरानी रंजिश के चलते 24 साल के राजेंद्र अहिरवार की हत्या कर दी. SSP लोकेश सिन्हा ने बताया कि दो समूहों के बीच झड़प में घायल होने की वजह से राजेंद्र की मौत हुई. उन्होंने आगे बताया,

सागर में पोस्टमार्टम के बाद राजेंद्र की भतीजी अंजना अहिरवार शव को अपने गांव ले जा रही थीं. साथ में परिवार के अन्य लोग भी थे. रास्ते में अंजना एम्बुलेंस से गिर गईं.

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किस पुराने केस से कनेक्शन?

घटना 24 अगस्त 2023 की है. आरोप है कि जिले के बरोदिया नोनागिर गांव में अंजना के भाई नितिन अहिरवार उर्फ लालू को कथित तौर पर परेशान करने वाले बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी थी. अंजना ने मामले में शिकायत भी दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गांव में धरना भी दिया था.

अंजना और उसके चाचा की मौत को लेकर MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सवाल उठाए हैं. पोस्ट में दावा किया,

राजेंद्र अहिरवार नाम के युवक पर राजीनामा करने के दबाव में पांच लोगों ने हमला किया. गंभीर रूप से घायल राजेंद्र को इलाज के लिए भोपाल ले जाते समय निधन हो गया. 26 मई को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. अंजना, शव वाहन से गिर जाती है और उसकी भी मौत हो जाती है. अंजना के भाई नितिन अहिरवार की अगस्त 2023 में सरेआम हत्या कर दी गई थी. उसका परिवार आज भी इंसाफ के लिए भटक रहा है.

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उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को टैग करते हुए आगे लिखा,

ये सब इसलिए बताया ताकि आपको अहसास हो कि प्रदेश की कानून व्यवस्था अराजकता के सारे पड़ाव पार कर चुकी है. क्या मध्य प्रदेश में दलित होना गुनाह है? ये समस्या सागर नहीं, हर जिले की है. मजाक बन चुकी कानून व्यवस्था अपराधियों के हौसलों को बढ़ावा दे रही है. सरकार भी खामोश है.

जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि MP की BJP सरकार के पास अपराधों को रोकने की कोई योजना नहीं है.

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