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जामताड़ा भी फेल हो जाए, इन गांवों में चल रहा 'ठगी' का खेल देख पुलिसवाले भी चौंक गए!

ठगों के गांवों पर 5000 पुलिस वालों ने रेड मारी, किस कोचिंग का पता चला?

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राजस्थान में साइबर फ्रॉड के कोर्स चल रहे हैं (सांकेतिक फोटो- पैक्सेल)

देश में साइबर क्राइम की बात होती है तो दिमाग में आता है- जामताड़ा. मगर अब ये अकेला नहीं, इसको टक्कर देने आ गया है एक नया इलाका ‘मेवात’. राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच वाला इलाका. 27 अप्रैल को हरियाणा पुलिस ने मेवात के 14 गांवों में रेड मारी. 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया. साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए 2 लाख से ज्यादा नंबर बंद करवाए. 5000 पुलिसकर्मियों के साथ हुई इस रेड में एक और बड़ा खुलासा हुआ. खुलासा ये कि इन गांवों में साइबर ठग तैयार करने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग कोर्स (Cyber Fraud Coaching) करवाया जाता है.

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ट्रिब्यून इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि साइबर क्राइम की ये ट्रेनिंग राजस्थान में भरतपुर जिले के दो गांवों, जुरहरा और गामड़ी में होती है. तैयार किए गए ठगों को बैंक अकाउंट खोलने के लिए नकली सिम कार्ड और डॉक्यूमेंट्स भी दिए जाते हैं. ये कोर्स 50 हजार से एक लाख रुपये तक का होता है. लगभग सात दिन में इसमें ठग तैयार कर दिए जाते हैं.

देश भर में फैला नेटवर्क

ट्रिब्यून इंडिया को एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने जुरहरा और गामड़ी गांवों में ट्रेनिंग स्कूल से कोचिंग लेने की बात कबूली है. कोचिंग करने वालों का देश भर में एक बड़ा नेटवर्क है. यहां के ट्रेनर, प्रोफेशनल कॉल करने से लेकर सोशल मीडिया पर आकर्षक मैसेजिंग करने तक, सब सिखाते हैं.

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हनीट्रैप वाला कोर्स सबसे महंगा

आरोपी ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि इन गावों में साइबर ठगी के 100 से ज्यादा ट्रेनिंग स्कूल चलाए जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुातबिक, फिशिंग और OLX वाले कोर्स फ्रॉड सबसे सस्ते हैं. इनकी फीस 10,000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये महीने के बीच है. "सेक्सटॉर्शन" या हनीट्रैप वाला कोर्स सबसे महंगा है. ये कोर्स भी तीन महीने का है.

ट्रेनिंग के बाद अपराधी खेतों से काम करते हैं क्योंकि वहां फोन को ट्रैक करना मुश्किल होता है. मामलिका जैसे कई गांव जांच के दायरे में आए हैं. आरोप है कि यहां किसान साइबर अपराधियों को घंटे के हिसाब से खेत किराए पर देते हैं.

कोर्स में एडमिशन की एलिजिबिलिटी

दैनिक भास्कर ने भी अपनी एक रिपोर्ट में साइबर क्राइम वाले कोचिंग सेंटर का खुलासा किया है. उनके रिपोर्टर ने सात दिन के कोर्स की पूरी डीटेल साझा की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ठगी के कोर्स करने के लिए शख्स को किसी कॉल सेंटर पर 6-7 महीने के काम का अनुभव होना जरूरी है. उसके पास अपना लैपटॉप और बाकी सेट अप भी होना चाहिए. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, कोचिंग में बड़े बड़े आरोपियों के गेस्ट लेक्चर भी होते हैं. बैंक खाते लिमिट के हिसाब से अलग-अलग कीमतों पर बिकते हैं. जैसे 50 ‌हजार लिमिट वाला खाता 22 हजार में मिलेगा. साथ में एटीएम कार्ड भी मिलेगा. वहीं 1 लाख की लिमिट वाले खाते के लिए 40 से 42 हजार रुपये देने होंगे. फोन-पे, जी-पे व पेटीएम से जुड़े नंबर के सिम भी 7000 रुपए में दिए जाते हैं. ये सारा काम टेलिग्राम ग्रुपों के जरिए होता है.

वीडियो: सोशल मीडिया पर नौकरी के विज्ञापन से कैसे हो रही है दुनियाभर में ठगी?

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