भेड़ चुराने की सजा, मौत. किसी के बगीचे को नुकसान पहुंचाया, किसी के घर के पेड़ काटे, चोरी की, तो सजा-ए-मौत. तीन सदी पहले ऐसा था इंग्लैंड का कानून. छोटे अपराधों के लिए भी फांसी दे दी जाती थी. समय के साथ अपराधियों को जेल में डालने की सजा शुरू हुई. आज दुनिया के सभी देश अपराधियों को जेल में ही रखते हैं. हालांकि कोविड-19 महामारी के बाद से इस सजा में भी रियायत मिलने लगी. अब सजा का मतलब सिर्फ जेल की अंधेरी कोठरी नहीं है. ब्रिटेन में कई कैदी अब अपने घर से काम करके सजा काट रहे हैं.
ब्रिटेन में कैदियों की मौज, कोई अधिकारियों से ज्यादा कमा रहा, किसी को मिला वर्क फ्रॉम होम
कोविड-19 महामारी के बाद से इस सजा में भी रियायत मिलने लगी. अब सजा का मतलब सिर्फ जेल की अंधेरी कोठरी नहीं है. ब्रिटेन में कई कैदी अब अपने घर से काम करके सजा काट रहे हैं.

ब्रिटेन ने यह फैसला जेलों में कैदियों की भीड़ से निपटने के लिए किया है. पश्चिमी यूरोप में ब्रिटेन ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा कैदी हैं. द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार अपराधियों को अपनी सजा पूरी करने के लिए घर से काम करने की अनुमति दी जा रही है. रिपोर्ट में ब्रिटिश कानून मंत्रालय के हवाले से बताया गया है कि कई अपराधियों ने अदालतों के आदेश पर घर में रहकर 5 लाख 40,000 घंटों की सामुदायिक सेवा दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व अर्थशास्त्री मैथ्यू ब्राइटी ने सूचना की स्वतंत्रता (FoI) कानून के तहत यह डेटा हासिल किया है. उन्होंने कहा,
“घर या किसी आरामदायक चैरिटी शॉप में बैठकर सजा काटने का विचार न्याय के अनुरूप नहीं है. यह पीड़ितों का अपमान है. लोग यह देखना चाहते हैं कि सार्थक काम हो—ऐसा काम जो नुकसान की भरपाई करे और कानूनी सिस्टम में भरोसा दिलाए.”
सामुदायिक सजा आमतौर पर चोरी, मारपीट या फिर नियम तोड़ने जैसे अपराधों के लिए दी जाती है. इसमें अपराधियों को 40 से 300 घंटों तक बिना वेतन के लोगों के लिए काम करना होता है. अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सजा में छूट दी जाती है.
डेटा में क्या खुलासा हुआ?मैथ्यू को जो डेटा मिला, उसके मुताबिक 2023 में आदेशित 60 लाख घंटों के सामुदायिक काम में से 47 लाख घंटे (78%) पूरे किए गए. 22% काम को माफ कर दिया गया. इन पूरा किए गए घंटों में से 5 लाख 42,215 घंटे (12%) ऑनलाइन शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार (ETE) पाठ्यक्रमों पर बिताए गए. वहीं 5% काम चैरिटी शॉप्स में बैठकर किए गए.
बदली दंड व्यवस्था के तहत घर से काम करने वाले अपराधी आसानी से अपनी सामुदायिक सेवाएं पूरी कर रहे हैं. वहीं जेलों में रह रहे कैदी वहां के अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों से अधिक कमाई कर रहे हैं. बताया गया है कि इन कैदियों की कमाई माध्यमिक शिक्षकों, प्रशिक्षित दाइयों, बायोकेमिस्ट और मनोचिकित्सकों से भी अधिक है. बीते साल 2023 में सबसे अधिक वेतन पाने वाले कैदी का वेतन 36,715 पाउंड यानी 38 लाख 84,491 रुपये था. इसके अलावा कई अन्य कैदियों की आय 22,900 पाउंड (24 लाख 22,814 रुपये) से अधिक थी.
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