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क्रिकेटर मनोज तिवारी ने फोटो पोस्ट कर रमज़ान मुबारक बोला, ट्रोल आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया

बता दिया जाए कि पीएम मोदी ने भी 'रमज़ान मुबारक' बोला था.

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ट्रोलिंग के बाद उन्हें एक और फोटो डालनी पड़ी, जिसमें वो कई धर्मों की पोशाक में दिख रहे हैं. फोटो: Twitter
क्रिकेटर मनोज तिवारी. मैदान पर फिलहाल कम दिखते हैं. सोशल मीडिया पर ज़्यादा. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर उन्होंने शुक्रवार, 24 अप्रैल को एक फोटो पोस्ट की. 'रमज़ान मुबारक' बोलने के लिए. फोटो में वो टोपी लगाए हैं और दुआ मांगने के अंदाज़ में उनके हाथ उठे हैं. यहां तक ठीक था, लेकिन अचानक उनको ट्रोल आर्मी ने घेर लिया. वो ट्रोल जो सेक्युलर को 'सिकुलर' बोलते हैं. किसी को भी देशद्रोही करार देते हैं और जो 'काफी मात्रा में' इस्लामोफोबिक हैं. लोगों ने मनोज तिवारी को इस्लामपरस्त बता दिया. पूछा कि भाई इस्लाम कब कबूल कर रहे हो? मीम्स बनने लगे. किसी ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए ये सब कर रहे हैं. कोई 'राजनीति में जाने का इरादा है' वाले अंदाज़ में उतर आया. फिर एक और फोटो आई इस ट्रोलिंग के बाद मनोज तिवारी ने एक और फोटो डाली या कहें तो डालनी पड़ी. इसमें कई फोटोज़ का कोलाज था, जिसमें वो अलग-अलग धर्मों के लुक में दिख रहे हैं. एक में दीए लिए हुए, एक में बैसाखी के ढोल के साथ, एक में सांता क्लॉस लुक में, एक में रंगों के साथ. इस फोटो के साथ उन्होंने लिखा- छोड़कर ये हिंदू-मुस्लिम ग़रीबी भी देख लो, कहां तुम अब तक अटके हुए हो? हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने को तुम , देशभक्ति कहते हो, शायद तुम कहीं भटके हुए हो. आगे उन्होंने जोड़ा कि अगर आप इंसान हैं तो हर धर्म का सम्मान करें. 10-12 साल पुरानी तस्वीरें मनोज तिवारी का कहना है कि ये सारी फोटो 10-12 साल पुरानी हैं. ये फोटो उन्होंने एक ब्रांड के फोटोशूट के दौरान खिंचवाई थीं. तमाम सेलिब्रिटी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए ट्वीट किया था.
रमज़ान मुबारक! मैं सभी की सुरक्षा, कल्याण और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं., ये पवित्र महीना अपने साथ दया, सद्भाव और करुणा लेकर आए. हम वर्तमान में चल रही कोविड-19 के खिलाफ जंग में जीत हासिल करें और एक स्वस्थ ग्रह बनाने में सफलता प्राप्त करें.
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में चांद दिखने के बाद 24 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू हो गया है. लॉकडाउन का इस महीने पर भी असर दिख रहा है. सभी जगहों पर इस दौरान लोगोंं से घरों में रहने की अपील की जा रही है.
पड़ताल: रमज़ान के लिए राजस्थान में मीट की दुकानें खोलने की बात में कितनी सच्चाई है?

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