वो मुर्दा वहाबी था, उसे कब्र से निकालो मियां
बात समझ रहे हो? लाश खोद कर निकाल ली कब्र से.
Advertisement

फोटो - thelallantop
यही हुआ है भैया उदयपुर में. मोहम्मद यूसुफ 62 साल से यहां थे. 88 बरस की उमर. इत्ते साल धागे बुनने का काम पूरे इज्जत इत्मिनान से किया. फिर कागज पूरा हो गया. बुलाया आया तो चल बसे. घर वालों ने लाश ले जाकर अश्विनी नगर के कब्रिस्तान में दफना दिया. घर पहुंचे तो फोन टनटनाने लगा. कि भैया वहाबी को दफना दिए आप. सुन्नियों के कब्रिस्तान में. निकाल ले जाओ चुप्पेचाप. बच्चों ने कहा जो अल्लाह को मंजूर था वो हुआ. हमने अब्बाजान को अल्लाह के सुपुर्द कर दिया. हमारी ड्यूटी ओवर. उधर पंथ के ठेकेदारों ने मैयत निकलवाई कब्र से. और एंबुलेंस में लाद कर वापस घर भेज दिए. बेचारे फिर मैयत लेकर मंदसौर गए जो जमीन यूसुफ 62 साल पहले छोड़ आए थे. और उसको सुपुर्दे खाक किया. पुलिस कह रही है कि हमारे पास इसकी कोई शिकायत नहीं पहुंची है. जहां ये रहते थे उस जगह की आबादी में 98 परसेंट मुसलमान हैं. सन 1998-99 में यूसुफ का मोहल्ले से झगड़ा हो गया था. तब तैश में आकर कह दिया "हां हूं वहाबी, बताओ का कल्लोगे". मोहल्ला बिगड़ा तो कभी बात नहीं बनी. का कहें इस सहिष्णुता को. मरने के बाद लाश में भी फर्क खत्म नहीं होता.
Add Lallantop as a Trusted Source

Advertisement
Advertisement
Advertisement