29 मई को पश्चिम बंगाल के इकलौते कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए हैं. Bayron Biswas सागरदिघी से विधायक थे. बिस्वास पश्चिम मेदिनीपुर के घाटल में TMC के महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए हैं.
बंगाल में कांग्रेस का एक ही MLA था, वो भी ताना मानकर छोड़ गया
कांग्रेस का स्कोर विधानसभा में 0 था. उपचुनाव के बाद 1 हुआ. अब फिर 0 हो गया है.

कांग्रेस नेता के पार्टी में शामिल होने के बाद, TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बिस्वास पार्टी में शामिल हुए क्योंकि उन्हें लगा कि केवल TMC ही राज्य में भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ सकती है. अभिषेक बनर्जी ने आगे कहा,
‘आज जोनो संजोग यात्रा में सागरदिघी के कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास हमारे साथ शामिल हुए. हम उनका तृणमूल कांग्रेस परिवार में तहे दिल से स्वागत करते है. भाजपा की विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण राजनीति के खिलाफ़ लड़ने के लिए आपने सही मंच चुना है. साथ में, हम जीतेंगे!’
2021 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता नहीं खोल पाई थी. सागरदिघी सीट से तृणमूल कांग्रेस के सुब्रत साहा जीते थे. उनका देहांत हुआ, इसीलिए मार्च 2023 में सागरदिघी सीट पर उपचुनाव हुए. कांग्रेस ने टिकट दिया बीड़ी कारोबारी बायरन बिस्वास को. उन्होंने TMC उम्मीदवार देवाशीष बनर्जी को 22,986 वोटों से हरा भी दिया. ऐसे में कांग्रेस को विधानसभा में एक सीट मिल गई. कांग्रेस के लिए खुशी की वजह एक और थी - सागरदिघी सीट कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीररंजन चौधरी के इलाके में आती है और जिन देवाशीष को बायरन ने हराया, वो मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के दूर के रिश्तेदार भी लगते हैं. लेकिन जब से बायरन ने चुनाव जीता था, तभी से कहा जा रहा था कि वो TMC में शामिल हो सकते हैं और अंततः वही हुआ भी. अब कांग्रेस की स्थिति बैक टू स्केवयर वन वाली हो गई है. माने विधानसभा में सीटों की संख्या - 0.
आजतक से जुड़े इंद्रजीत कुंडू की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने की बात कही थी. ममता ने कहा था कि TMC उन राज्यों में कांग्रेस का समर्थन करने को तैयार है, जहां वे (कांग्रेस) मजबूत हैं. इसके अलावा ममता ने कहा था कि कांग्रेस को बंगाल जैसे राज्यों में TMC की मदद करनी होगी. दरअसल राज्य सचिवालय नबन्ना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ममता ने कहा था कि वो कोई जादूगर या ज्योतिषी नहीं हैं. उनको नहीं पता की भविष्य में क्या होगा लेकिन वो ये बता सकती हैं कि जहां क्षेत्रीय पार्टी मजबूत हैं, वहां बीजेपी नहीं लड़ सकती है. और जहां लोग निराश हैं, वहां भी. कर्नाटक में डाला गया वोट बीजेपी सरकार के खिलाफ एक जनादेश है.
वीडियो: मेघालय चुनाव से पहले वहां ममता बनर्जी ने ढोल बजाकर क्या स्कीम दे दी?