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क्या इन्हें पहले से पता था कि यस बैंक के साथ 'बुरा' होने वाला है? ये ट्वीट्स तो यही कहते हैं

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी सवाल उठाया है.

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एक मेसेज सोशल मीडिया पर घूम रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि अडानी गैस कंपनी की तरफ से करीब एक महीने पहले लोगों से यस बैंक में चेक जमा ना करने को कहा गया. फोटो: PTI/Twitter
यस बैंक ख़तरे में है. लोग अपने पैसे बचाने के लिए भागमभाग कर रहे हैं. 5 मार्च को RBI ने बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा तय कर दी थी. बैंक के ग्राहक एक महीने में 50 हज़ार रुपए ही निकाल सकते हैं. RBI ने यस बैंक पर आंशिक रूप से बैन लगा दिया है. लेकिन इसी बीच एक सुगबुगाहट उठ रही है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी समेत कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि अडानी ग्रुप और कुछ दूसरों ने खतरे को भांप लिया और समय रहते यस बैंक से पैसे निकाल लिए, या लोगों को पैसे जमा करने से मना कर दिया. इन लोगों का कहना है कि लगता है कि सूचना लीक की गई.
महज संयोग?
5 मार्च को RBI की तरफ से निकासी की लिमिट तय की गई. सवाल उठाने वालों का कहना है कि इससे ठीक पहले पैसे बचाने को लेकर कुछ लोगों ने जैसी तेजी दिखाई, उससे शक पैदा होता है. एक मैसेज चल रहा है, जिसे कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी की तरफ से शेयर किया गया. आरोप है कि अडानी ग्रुप की गैस कंपनी ने लोगों को करीब एक महीने पहले ही गैस का बिल यस बैंक में जमा ना करने को कह दिया था. वहीं, वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की एक कंपनी ने एक दिन पहले 265 करोड़ रुपए निकाल लिए. लोगों का कहना है कि क्या इन्हें पहले से इस बारे में जानकारी थी. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा- मिस्टर अडानी और वडोदरा स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का संयोग? मैसेज में क्या है?
अडानी ग्रुप का जो मैसेज सर्कुलेट हो रहा है, वो 25 फरवरी, 2020 का है. इसमें लिखा है कि ग्राहक यस बैंक के ड्रॉप बॉक्स में चेक ना डालें. मैसेज कहता है,
प्रिय ग्राहकों, अडानी गैस बिल बिल पेमेंट के चेक यस बैंक के ड्रॉप बॉक्स में ना डालें, क्योंकि हमने यस बैंक के साथ ये सुविधा खत्म कर दी है. आप ऐक्सिस, IDBI, ICIC, कालूपुर बैंक और HDFC बैंक के ATM ड्रॉप बॉक्स में चेक डालना जारी रख सकते हैं.
इसमें एक और मैसेज है,
प्रिय ग्राहकों, हम 31 जनवरी 2020 से 3 फरवरी 2020 तक अपने बैकएंड सिस्टम अपग्रेड कर रहे हैं. इस दौरान वेबसाइट, मोबाइल ऐप पर ऑनलाइन सेवाएं और दूसरे डायरेक्ट पेमेंट गेटवे, कैश पेमेंट उपलब्ध नहीं होंगे. असुविधा के लिए हमें खेद है.
मेसेज जो सर्कुलेट हो रहा है. फोटो: Twitter
मेसेज जो सर्कुलेट हो रहा है. फोटो: Twitter

लोगों के सवाल
पत्रकार और पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने लिखा,
ये साफ है कि अडानी-अंबानी और बीजेपी को पीछे से सपोर्ट करने वालों को यस बैंक के डूबने के बारे में पहले से जानकारी थी. वो जहाज के डूबने से पहले ही इससे कूद गए. मिडिल क्लास जाए भाड़ में. उन्हें और अर्थव्यवस्था को डूबने दो.
एक ट्वीट में अडानी ग्रुप पर आरोप लगाते हुए पूछा गया कि उन्हें 10 दिन पहले कैसे पता चला? गुजरात का मामला
पीटीआई की एक ख़बर के मुताबिक, गुजरात में वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की वडोदरा स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी ने RBI की तरफ से निकासी पर लिमिट लगाने से एक दिन पहले 265 करोड़ रुपए निकाले. तिरुपति बालाजी ने कई महीने पहले पैसे निकाले
इससे पहले देश के सबसे अमीर मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी ने अक्टूबर, 2019 में बैंक से 1300 करोड़ रुपए निकाल लिए थे. कहा जा रहा है कि बैंकों की हालत को लेकर मंदिर ट्रस्ट के बोर्ड ने स्थिति को भांप लिया था. इस बारे में मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी को भी जानकारी दी गई थी.


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