क्या आरोप लगाए राहुल गांधी पर? भाजपा ने एक प्रेस कान्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि राहुल गांधी और राबर्ट वाड्रा के एचएल पाहवा नाम के शख्स से कारोबारी रिश्ते हैं. स्मृति ईरानी के मुताबिक-
"एचएल पाहवा के यहां ED की रेड के दौरान राहुल गांधी के साथ लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं. ये दस्तावेज जमीन की खरीदारी से संबंधित हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि पाहवा के पास जमीन खरीदने के लिए पैसे तक नहीं थे. इस जमीन को खरीदने के लिए सीसी थंपी नाम के शख्स ने 50 करोड़ रुपए मुहैया करवाए. इसके बाद ये जमीन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम खरीदी गई."

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर आरोपों की झड़ी लगा दी. सांकेतिक तस्वीर. इंडिया टुडे.
स्मृति ईरानी ने कहा-
"मनमोहन सिंह सरकार के दौरान एक रक्षा सौदे और पेट्रोलियम सौदे में संजय भंडारी और सीसी थंपी के तार जुड़े हैं. इन सौदों की जांच में पता लगता है 'जीजा जी' के साथ 'साले साहब' भी पारिवारिक भ्रष्टाचार में शामिल हैं. लोगों को लगता था कि जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा की ही भूमिका है. लेकिन जो तथ्य सामने आए हैं, उससे साफ हो गया है कि इस घोटाले में राहुल गांधी भी लिप्त हैं."स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया-
"राहुल गांधी की निजी इच्छा थी कि यूरोफाइटर नाम की कंपनी को एक रक्षा सौदा मिले. उनके इंटरेस्ट इसमें शामिल थे. भ्रष्टाचार में राहुल गांधी खुद शामिल थे. अब 'साले साहब' खुद जनता को बताएं कि रक्षा सौदो में उनकी इतनी दिलचस्पी क्यों है? वो बताएं कि क्या देश की सुरक्षा को चंद रुपयों के लिए, जमीन के लिए, राहुल गांधी ने क्या शहीद करने का प्रयास किया? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का इंट्रेस्ट सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और पारिवारिक है."मामला क्या है? भाजपा की ओर से जारी दस्तावेज के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हरियाणा के फरीदाबाद में 5 एकड़ जमीन खरीदी. ये जमीन अमीपुर गांव के एचएल पाहवा से 15 लाख रुपए में खरीदी गई. कुछ ही समय बाद इस जमीन को प्रियंका गांधी ने वापस पाहवा को ही 80 लाख रुपए में बेच दी. जमीन अप्रैल, 2006 में खरीदी गई और जून, 2009 में बेची गई. इसी तरह रॉबर्ट वाड्रा ने भी तीन जमीनें खरीदीं. बाद में इन्हें बेच दिया. रॉबर्ट वाड्रा ने कुल 41 एकड़ जमीन करीब 1.16 करोड़ रुपए में खरीदी. बाद में इसे तीन टुकड़ों में करीब 3 करोड़ रुपए में बेच दिया. जिन एचएल पाहवा से जमीन खरीदी गई, वे बाद में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी में डायरेक्टर पद पर भी रहे.

चुनाव से पहले भाजपा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को घेरने में लगी है. (फाइल फोटो)
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ना सिर्फ रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी महेश कुमार नागर के जरिए यहां जमीन खरीदी थी. भाजपा की तरफ से जारी दस्तावेज में जमीन के दाम भी बताए गए हैं. राहुल गांधी वाली सेल डीड में महेश नागर के दस्तखत हैं, जिससे पता लगता है कि उन्होंने अपनी पॉवर ऑफ अटार्नी महेश नागर को दे रखी थी. महेश नागर के पास रॉबर्ट वाड्रा की भी पॉवर ऑफ अटार्नी थी. प्रवर्तन निदेशालय रॉबर्ट वाड्रा और महेश नागर के रिश्तों की जांच कर रहा है. इस पूरे मामले में एक कमेटी भी जांच कर रही है, जिसकी अगुवाई रिटायर्ड जस्टिस ढींगरा कर रहे हैं.
कौन हैं संजय भंडारी और सीसी थंपी?
प्रवर्तन निदेशालय संजय भंडारी और सीसी थंपी के साथ रॉबर्ट वाड्रा के रिश्तों की जांच भी कर रहा है. संजय भंडारी रक्षा सौदों का दलाल रहा है. वो दिल्ली में ही रहता था, लेकिन कुछ साल से फरार है. वहीं सीसी थंपी दुबई का एनआरआई कारोबारी है. सीसी थंपी के रॉबर्ट वाड्रा से करीबी रिश्ते बताए जाते रहे हैं. आरोप हैं कि इन जमीनों को खरीदने के लिए पैसे सीसी थंपी ने दिए.
कांग्रेस ने किया पलटवार इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सीधा पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि आम चुनावों में उन्हें हार दिख रही है. इस वजह से वे लड़खड़ा रहे हैं और भटका रहे हैं. नफरत की आग में समृति ईरानी अपना सियासी संतुलन खो बैठी हैं. 5 साल से आपकी सरकार थी, आपको अब ये मामला याद आ रहा है. राहुल गांधी ने 36 लाख 47 रुपए में जमीन खरीदी थी. इसका भुगतान अपने अकाउंट से किया था. स्टांप ड्यूटी भी दी और फिर रजिस्टर गिफ्ट डीड के जरिए प्रियंका गांधी को दे दी. और स्टांप ड्यूटी भी दी. इसको प्रियंका गांधी ने विपासना संस्थान को दे दी.
अब बीजेपी वार कर रही है और कांग्रेस पलटवार. लेकिन चुनाव सिर पर हैं. पलड़ा किसका भारी होगा, इसका फैसला अब किसी पार्टी के नेता नहीं, बल्कि जनता तय करेगी.