चीन की साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी एक कंपनी है ISoon. खुफिया जानकारी जुटाती है और इस काम के लिए सरकारी ठेका लेती है. कंपनी का दावा है कि उसका डेटा लीक हो गया है. लेकिन हम यहां उसकी बात क्यों कर रहे हैं? बात इसलिए क्योंकि इस लीक में भारत सरकार के गृह मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालयों और एयर इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज हैं. लीक की खबर सामने आने के बाद चीन की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. जांच इस बात को लेकर कि आखिर ये फाइलें लीक कैसे हुईं?
चीन की कंपनी भारत सरकार का डेटा चुरा रही है? लीक से सामने आई जानकारी
चीन की साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी एक कंपनी ISoon का डेटा लीक हो गया है. इस लीक में भारत सरकार के गृह मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालयों और एयर इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज हैं.

इंडिया टुडे OSINT टीम की बिदिशा शाह और शुभम तिवारी ने लीक हुए डेटा का रिव्यू किया है. चीन सरकार से कथित तौर पर जुड़ी कंपनी Isoon ने बीते सप्ताह कोड शेयरिंग प्लेटफॉर्म Github पर कई बड़ी संख्या में फाइलें शेयर की. इनमें डॉक्यूमेंट, फोटो और चैट मैसेज थे. कंपनी से जुड़े दो कर्मचारियों ने मीडिया संस्थान एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि ISoon और पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. उनमें से एक कर्मचारी ने बताया कि Isoon की 21 फरवरी को एक मीटिंग भी हुई थी. मीटिंग का लुब्बेलुआब रहा कि धंधे पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा और काम पहले की तरह सामान्य रूप से जारी रहेगा.
लीक में क्या-क्या सामने आया?साल 2010 में बनी कंपनी Isoon का काम है पैसे लेकर हैकिंग करना. और इसका बकायदा मेन्यू कार्ड है. जितना पैसे दोगे, उतना हैकिंग करेगी. इसके क्लाइंट चीन की कई सारी एजेंसियां और मंत्रालय हैं. हाल ही में Github पर जो लीक हुआ डेटा सामने आया है, वो मूल रूप से चीन की प्रमुख भाषा मैंडरिन में है. इससे हैकर्स के काम करने का तौर-तरीकों और संभावित टारगेट के बारे में पता चला है. और जो पता चला है वो काफी सनसनीखेज़ है. निशाने पर चीन के ‘मित्र’ देश ही नहीं, ‘दुश्मन’ देश भी हैं. मतलब जासूसी चारों तरफ चल रही है. लेकिन पहले भारत की बात करते हैं.

मालूम ये पड़ा है कि भारत में गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के डेटा निशाने पर हैं. भारतीय गृह मंत्रालय के विभिन्न कार्यालयों जुड़ा 5.49 जीबी डेटा हैकर लोगों के हाथों लगा है. डेटा मई 2021 से अक्टूबर 2021 के वक्त के हैं. ये वो वक्त था जब भारत और चीन की सीमा पर तनाव से जुड़ी खबरें सामने आ रही थी. लेकिन डेटा की समीक्षा करके समझ आ रहा कि सेंधमारी केवल मंत्रालय तक नहीं रुकी है.
इसके अलावा भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL), अपोलो हॉस्पिटल्स और एयर इंडिया के डेटा भी कथित रूप से लीक हुए हैं. लीक हुए डेटा में साल 2020 से भारत के इमीग्रेशन से लेकर जनसंख्या रिकॉर्ड भी लीक होने की बात कही जा रही है. गूगल क्लाउड से जुड़े मेडिएंट इंटेलिजेंस के प्रमुख एनालिस्ट जॉन हल्टक्विस्ट का मानना है कि चीन के साइबर जासूसी ऑपरेशन से जुड़े हैकर्स का ये ऑथेंटिक डेटा है.
केवल भारत ही नहीं, इस लिस्ट में पाकिस्तान के अलावा फ्रांस, थाईलैंड, नेपाल और अफगानिस्तान जैसे देश भी शामिल हैं. हैकर ग्रुप के हत्थे पाकिस्तान वाले पंजाब के आतंकवाद रोधी केंद्र के 1.43 जीबी डेटा हाथ लगे हैं.