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10 भारतीय खिलाड़ी चीन खेलने गए, 3 को रोक दिया, वजह भारत-चीन में टेंशन बढ़ा देगी!

भारत के अरुणाचल प्रदेश की रहने वालीं 3 प्रमुख महिला वुशू खिलाड़ियो न्येमान वांग्सू, ओनिल तेगा और मेपुंग लाम्गु को चीन ने अपने यहां आने की इजाज़त नहीं दी. ये Hanzhou Asian Games में भाग लेने के लिए चीन जाने वाली थीं. जबकि उनकी पूरी टीम चीन के लिए रवाना हो चुकी है.

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Hanzhou Asian Games में भाग लेने के लिए न्येमान वांग्सू, ओनिल तेगा और मेपुंग लाम्गु चीन जाने वाली थीं. (फोटो क्रेडिट - X)

भारत की तीन प्रमुख महिला वुशू खिलाड़ियों (Indian Wushu Players) को चीन ने अपने यहां आने की इजाज़त नहीं दी. ये तीनों खिलाड़ी न्येमान वांग्सू, ओनिल तेगा और मेपुंग लाम्गु अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली हैं. ये एशियाई खेलों (Hanzhou Asian Games) में भाग लेने के लिए चीन के हांग्झू जाने वाली थीं.

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हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हांग्झू एशियाई खेल आयोजन समिति उनके मान्यता कार्ड भेज चुकी है. ये उनके वीज़ा की तरह काम करते. खिलाड़ियों को केवल अपने ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स डाउनलोड करने थे. चीन पहुंचने पर इनकी जांच होती.

सभी खिलाड़ियों को 20 सितंबर को एशियाई खेलों के लिए चीन जाना था. इससे पहले न्येमान वांग्सू, ओनिल तेगा और मेपुंग लाम्गु के दस्तावेज़ डाउनलोड ही नहीं हुए. उनके अलावा वुशू टीम के बाकी किसी भी सदस्य को ऐसी कोई समस्या नहीं आई. इस टीम में कुल 10 खिलाड़ियों के साथ कोचिंग स्टाफ भी है.

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केंद्रीय मंत्री से मिलीं प्लेयर्स

अरुणाचल प्रदेश की तीन महिला खिलाड़ियों को छोड़कर बाकी सभी सदस्य 20 सितंबर की रात हांगकांग के लिए रवाना हुए. वे यहां से हांग्झू की कनेक्टिंग फ्लाइट लेंगे. रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से बताया गया कि एक बार जब किसी खिलाड़ी को उसका मान्यता कार्ड मिल जाता है तो इसका मतलब है कि उसे एशियाई खेलों के लिए यात्रा करने की मंजूरी मिल गई है. लेकिन ये हैरानी की बात है कि तीन खिलाड़ी अपने दस्तावेज  डाउनलोड नहीं कर पाए.

इसके बाद न्येमान वांग्सू, ओनिल तेगा और मेपुंग लाम्गु केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजु से मिले. साथ ही वूशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया(WAI) के अध्यक्ष और एशियाई खेलों के लिए भारत के इनचार्ज भूपेंद्र सिंह बाजवा ने ये मुद्दा HAGOC और एशिया की ओलंपिक काउंसिल के सामने भी उठाया. हालांकि, अभी कोई जवाब नहीं आया है.

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ये पहली बार नहीं है कि इन तीनों खिलाड़ियों को चीन जाने की इजाज़त नहीं मिली हो. इससे पहले जुलाई में भी न्येमान वांग्सू, ओनिल तेगा और मेपुंग लाम्गु चीन नहीं जा पाई थीं. वे यहां के चेंगदू में विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भाग लेने जा रहे थीं. लेकिन चीनी अधिकारियों ने उन्हें स्टेपल वीज़ा दे दिया. इसके बाद अपना विरोध जताने के लिए 8 खिलाड़ियों की वुशू टीम ने इन खेलों से नाम वापस ले लिया था.

क्या है स्टेपल वीज़ा?

स्टेपल वीज़ा एक ऐसा वीज़ा होता है जिसमें पासपोर्ट में सीधे मुहर नहीं लगाई जाती. बल्कि ये कागज़ के अलग टुकड़े से जुड़ा होता है. चीन की सरकार 2009 से भारत के अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले नागरिकों को 'स्टेपल वीज़ा' जारी कर रही है.

चीन का दावा है कि वे ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि वो अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानता है. वहीं भारत सरकार इसे एक राजनैतिक हथियार बताते आई है, जिसका इस्तेमाल चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए करता है. 

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वीडियो: इस खिलाड़ी को 2014 में Asian Games में जाने नहीं दिया गया था और इस बार वो छा गईं

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