The Lallantop

क्या है ये 'रहस्यमयी बीमारी' हवाना सिंड्रोम, जिसकी जांच अब भारत में होने वाली है?

अचानक से सिर चकराने लगता है, तेज सिर दर्द होता है, आवाजें सुनाई पड़ती हैं. सबसे पहले अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को हुई थी ये बीमारी.

Advertisement
post-main-image
हवाना सिंड्रोम पर केंद्र सरकार जांच करेगी. बाएं- सांकेतिक फोटो (पेक्सेल). दाएं- क्यूबा स्थित अमेरिकी दूतावास

भारत में हवाना सिंड्रोम (Havana Syndrome) की जांच होने वाली है. बेंगलुरु के रहने वाले एक शख्स ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर देश में इसकी रोकथाम को लेकर इनक्वायरी की मांग की थी. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर देश में सिंड्रोम की संभावना की जांच करने का निर्देश दिया.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

हवाना सिंड्रोम एक ऐसी ‘रहस्यमय बीमारी’ है जो खास विभाग में काम करने वाले लोगों को प्रभावित करती रही है. इस सिंड्रोम की वजह क्या है, ये कोई नहीं जानता. हालांकि, कुछ जानकार कहते हैं कि ये एक खास तरह की आवाज सुनने से होता है.

2016 में पहला केस सामने आया

कैरेबियन में एक छोटा सा द्वीपीय देश है- क्यूबा. इसकी राजधानी है हवाना (यहां से नाम मिला). वहीं मेलेकॉन जगह के पास अमेरिकी दूतावास की छह-मंजिला इमारत है. सबसे पहले वहीं इस सिंड्रोम का मामला सामने आया.

Advertisement

30 दिसंबर, 2016 को ऐम्बैसी स्थित CIA स्टेशन में पोस्टेड खुफिया विभाग का एक अधिकारी दूतावास के हेल्थ ऑफिस में पहुंचा. उसने नर्स को बताया कि बीती रात वो अपने घर पर था. वहां उसे अजीब सी आवाज सुनाई दी. इसके बाद उसे साउंड सेंसेशन्स महसूस हुए. ऐसा लगा कि उसके सिर पर कोई बहुत बड़ा बोझ लाद दिया गया हो. तब से ही उसे तेज सिर दर्द और चक्कर आने की दिक्कत हो रही है. CIA को पता था कि क्यूबन इंटेलिज़ेंस के लोग हवाना स्थित अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले अमेरिकियों पर लगातार नजर रख रहे हैं. इसलिए शक क्यूबन इंटेलिज़ेंस पर गया. हालांकि, इस सबंध में CIA के पास कोई सबूत नहीं था.

फिर जनवरी 2017 के पहले हफ्ते में एक और CIA अफसर ऐसी ही शिकायत लेकर आया. धीरे-धीरे ऐसी हालत हो गई कि ऐम्बैसी स्थित CIA स्टेशन का कोई स्टाफ बमुश्किल ही इससे बचा रहा. पीड़ित अधिकारियों को चक्कर आने, मेमरी लॉस, संतुलन बिगड़ने, हरदम थकान महसूस होने, सिर दर्द और घबराहट जैसे लक्षण थे. उनका कहना था कि उन्हें ऐसा महसूस होता है, मानो किसी ने उनके सिर पर बमबारी कर दी हो. उन्हें अपने सिर पर असहनीय दबाव महसूस होता है. कुछ लोग तो इतनी तकलीफ में थे कि उन्हें ऐक्टिव सर्विस छोड़नी पड़ी.

शुरुआती पीड़ित खासतौर पर CIA एजेंट्स थे. लेकिन बाद के दिनों में डिप्लोमैट्स के साथ भी ये हुआ. माना गया कि ये डिप्लोमैट्स शायद CIA जासूस होने की गलतफहमी में टारगेट किए गए हैं.

Advertisement
धीरे-धीरे बाकी देशों में फैला

2018 की शुरुआत में चीन में रह रहे अमेरिकी राजनयिकों ने भी इस तरह की शिकायतें कीं. फिर 2019 और 2020 में अमेरिका से ही सिंड्रोम की शिकायतें सामने आने लगीं. वाशिंगटन डीसी से. एक घटना तो वॉइट हाउस से सटे लॉन द एलिप्से में भी दर्ज की गई. भारत में इसका पहला केस जुलाई 2021 में सामने आया. CIA निदेशक विलियम बर्न्स के साथ नई दिल्ली की यात्रा कर रहे एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने हवाना सिंड्रोम के लक्षणों की सूचना दी थी.

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में US अधिकारियों ने रूस, पोलैंड, जॉर्जिया, ताइवान, कोलंबिया, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ऑस्ट्रिया समेत दुनिया भर में 130 से ज्यादा ऐसी घटनाओं की सूचना दी है.

सिंड्रोम रहस्यमय क्यों?

हैरानी की बात है कि पीड़ितों में ब्रेन इंजरी का तो पता तो चला, लेकिन इस इंजरी के कोई निशान नहीं मिले. मतलब चोट लगी, चोट का असर भी हुआ था, लेकिन चोट का कोई निशान नहीं मिला. ज्यादातर पीड़ितों के साथ ये वारदात तब हुई, जब वो अपने घर पर थे. वो भी रात के समय.

शक है कि ये सिंड्रोम किसी हाई पॉवर माइक्रोवेव की किरणों से हो रहा है, जिन्हें किसी स्पेशल गैजेट के जरिए से भेजा जा रहा है. अमेरिकियों ने इसे 'माइक्रोवेव हथियार' बताया है. हालांकि, उनके पास इस बात को साबित करने के लिए कुछ ठोस नहीं है. इतने सालों के बाद भी इसको लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है. कोई नहीं जानता कि कथित हथियार किस तरह काम करता है या कैसे वो सिर्फ कुछ ही लोगों को निशाना बनाता है. अमेरिका में कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस सिंड्रोम को एक मनोवैज्ञानिक बीमारी बताया है. 

वीडियो: दुनियादारी: हवाना सिंड्रोम क्या है, जिससे जूझ रहे हैं CIA के 100 अधिकारी?

Advertisement