यूपी के चंदौली में रेलवे प्रमोशन परीक्षा के पेपर लीक मामले में CBI ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में एजेंसी ने 17 लोको पॉयलट समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में रेलवे को दो बड़े अधिकारी शामिल हैं. गिरफ्तार हुए लोगों की सूची में एक IRPS यानी भारतीय रेलवे क्रमिक सेवा के अधिकारी का भी नाम है.
'जिस पर पेपर बनाने का जिम्मा, उसी ने कर दिया लीक... ' रेलवे पेपर लीक में CBI ने पकड़े बड़े-बड़े अफसर
CBI Arrest 26 Railway Official Paper Leak : 4 मार्च को रेलवे की लोको इंस्पेक्टर की विभागीय प्रमोशन परीक्षा आयोजित होने वाली थी. लेकिन इससे पहले CBI की एंटी करप्शन ब्यूरो की लखनऊ शाखा को पेपर लीक होने की जानकारी मिली.

4 मार्च को रेलवे की लोको इंस्पेक्टर की विभागीय प्रमोशन परीक्षा आयोजित होने वाली थी. लेकिन इससे पहले CBI की एंटी करप्शन ब्यूरो की लखनऊ शाखा को पेपर लीक होने की जानकारी मिली. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एजेंसी को सूचना मिली थी कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर खेल हुआ है और इसका पेपर लीक कराया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस इनपुट के बाद लखनऊ सीबीआई ब्रांच की टीम एक्टिव मोड में आ गई. इसके बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के अधिकारियों के साथ-साथ कुछ परीक्षार्थी लोको पायलट के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई.
सीबीआई की टीम ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के अलग-अलग इलाकों से कई लोको पायलट को रात में ही हिरासत में ले लिया. इसके बाद सीबीआई की टीम इन सभी लोगों को लेकर मुगलसराय कोतवाली पहुंची.
पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के बाद 4 मार्च को सीबीआई की टीम ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के दफ्तर में भी छापा मारा. इस दौरान रेलवे के दो बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद मामले से जुड़े सभी 26 आरोपियों को CBI की टीम लखनऊ लेकर गई.
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न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने वरिष्ठ डिविजनल इंजीनियर (डीईई) को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट में एक अधिकारी का बयान छपा है. उसके मुताबिक,
“लोको पायलट के पद पर कार्यरत विभाग के 17 कैंडिडेट ने कथित तौर पर क्वेश्चन पेपर के लिए पैसे दिए. ये लोग 3 और 4 मार्च, 2025 की देर रात में प्रश्नपत्रों की कॉपियों के साथ रंगे हाथों पकड़े गए. इस मामले में अब तक कुल 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.”
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई की जांच में मालूम पड़ा कि सीनियर डिप्टी इलेक्ट्रिक्ल इंजीनियर (ऑपरेशन) को परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने अंग्रेजी में प्रश्नपत्रों को हाथ से लिखकर कथित तौर पर एक लोको पायल को दे दिया था. लोको पॉयलट ने उसका हिंदी में अनुवाद करके रेलवे के दूसरे अधिकारी को दे दिया. रेलवे अधिकारी ने कथित तौर पर अन्य कर्मचारियों की मदद से कुछ अन्य कैंडिडेट को इसे दे दिया.
अधिकारी ने कहा,
“हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों के साथ-साथ उनकी फोटो कॉपी भी जब्त कर ली गई है. इन प्रश्नपत्रों का ओरिजिनल प्रश्नपत्र से मिलान किया गया. दोनों आपस में मैच कर गए.”
रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 8 ठिकानों पर छापेमारी की गई और इस दौरान 1.17 करोड़ रुपये कैश में बरामद किए गए. यह पैसे कथित तौर पर कैंडिडेट से प्रश्न पत्रों को लीक करने के लिए वसूले गए थे.
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