आपने फास्ट एंड फ्यूरियस मूवी देखी होगी. जिसमें चोर कारों की चोरी में कामयाब होने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते है. पकड़ में न आएं इसके लिए चोर तमाम तरह की जुगत भिड़ाते हैं. ऐसा ही एक मामला दिल्ली से सामने आया है. जहां एकदम फिल्मी अंदाज से चोरी को अंजाम दिया जाता था. चोरों के गैंग में से एक चोर ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहन लेता था. दूसरा चोर वाहन टोचन करने वाली क्रेन का ड्राइवर बन जाता था. फिर शुरू होती थी चोरी...
ट्रैफिक पुलिस बन खुलेआम उठाते थे गाड़ियां, मास्टरमाइंड का खेल कार-बाइक मालिकों को टेंशन दे देगा
दिल्ली पुलिस ने साउथ वेस्ट इलाके में चोरों के शातिर गैंग का भंडाफोड़ किया है. ट्रैफिक पुलिस की ड्रेस में ये चोर टो क्रेन लेकर आते थे. फिर महंगी कारों को गलत पार्किंग या किसी अन्य कानूनी रूल्स का हवाला देकर उठा ले जाते थे.

दिल्ली पुलिस ने साउथ वेस्ट इलाके में चोरों के शातिर गैंग का भंडाफोड़ किया है. ट्रैफिक पुलिस की ड्रेस में ये चोर टो क्रेन लेकर आते थे. फिर महंगी कारों को गलत पार्किंग या किसी अन्य कानूनी रूल्स का हवाला देकर उठा ले जाते थे. बाद में गाड़ियों को काटकर उसके पार्ट्स बेच दिए जाते थे. मामले में दिल्ली पुलिस ने चोर समेत दो स्क्रैप डीलर को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने क्या बताया?इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक DCP साउथ वेस्ट रोहिणी मीणा ने बताया कि वसंत कुंज के एक शख्स ने थाने में कार चोरी की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में 15 मई को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ड्रेस में आए एक व्यक्ति ने उनकी टोयोटा गाड़ी को क्रेन से टो करके थाने ले जाने की बात बताई. लेकिन जब वो थाने में गाड़ी छुड़वाने पहुंचा तो पता चला कि वहां गाड़ी आई ही नहीं थी.
उसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई. पुलिस ने गाड़ी चोरी के एंगल से जांच शुरू करते हुए CCTV फुटेज के आधार पर क्रेन के ड्राइवर को गिरफ्तार किया. पता चला कि एक युवक ने खुद को ट्रैफिक पुलिस वाला बताकर क्रेन बुक की थी. कार को टो करने के बाद उसने कंझावला के एक स्क्रैप डीलर के गोदाम पर छोड़ा था.
पुलिस टीम को कंझावला गोदाम की जांच में कार का ढांचा मिला. गोदाम के मालिक महेंद्र से पुलिस ने कार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि कार के पार्ट्स को अलग-अलग करके बेच दिया. उसने आगे बताया कि गाड़ी उसे कुसुमपुर पहाड़ी के रहने वाले अजय ने बेची थी. इसके बाद पुलिस टीम कुसुमपुर पहाड़ी पहुंची और वहां से 29 साल के अजय को गिरफ्तार कर लिया. अजय के पास से पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की वह वर्दी भी बरामद कर ली, जिसको पहनकर वह सरेआम लोगों की गाड़ी उठा लिया करता था.
उधारी चुकाने के लिए शुरू की चोरीDCP रोहिणी मीणा ने आगे बताया कि 29 साल का अजय इस चोरी का मास्टरमाइंड है. जांच में अजय ने बताया कि COVID महामारी शुरू होने के पहले उसने अपने दोस्तों से कर्ज लेकर एक जिम खोला था. लेकिन तभी लॉकडाउन लग गया जिससे अजय को भारी नुकसान हो गया. दोस्त फिर अजय पर पैसे वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे.
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पूछताछ में पता चला कि इसी के बाद अजय ने चोरी करना शुरू कर दिया. आरोपी अजय ने बताया कि वो और उसके साथी पहले RTO के एप्लीकेशन के जरिए पता लगाते थे कि कौन-कौन से नंबर की गाड़ी कबाड़ है. फिर ये उनका लोकेशन पता करते. चोरी के बाद ये चोर स्क्रैप डीलर को गाड़ी बेच देते थे. पुलिस ने इनके पास से तीन कारों के पार्ट्स और एक बाइक बरामद की है. फिलहाल आगे की जांच जारी है.
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