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कनाडा के पीएम मार्क कार्नी का 'ट्रंप राग', भारत-पाकिस्तान सीजफायर के लिए दिया धन्यवाद

President Donald Trump के दावे से इतर भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को दृढ़ता से खारिज कर दिया है. MEA ने बार-बार कहा है कि India-Pakistan के बीच Ceasefire पर सहमति भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई बातचीत की वजह से बनी थी.

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कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (PHOTO-AFP)

भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर हुआ था. राष्ट्रपति ट्रंप दसियों बार इसके लिए खुद की पीठ थपथपा चुके हैं. अब एक बार फिर से उनके पड़ोसी देश कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस बात को दोहराया है. उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के लिए ट्रंप की तारीफ की है. 

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वाशिंगटन डीसी स्थित वाइट हाउस में अमेरिका-कनाडा द्विपक्षीय बातचीत के दौरान कनाडाई पीएम ने ट्रंप की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े. उन्होंने वैश्विक मुद्दों पर ट्रंप के प्रभाव और 'आर्थिक स्थिरता' के लिए भी उनकी तारीफ की. उन्होंने कहा

आप एक परिवर्तनकारी राष्ट्रपति हैं; अर्थव्यवस्था में परिवर्तन, रक्षा खर्च के लिए नाटो भागीदारों की अभूतपूर्व प्रतिबद्धता, भारत, पाकिस्तान से लेकर अजरबैजान, आर्मेनिया तक शांति, ईरान को आतंक की ताकत के रूप में निष्क्रिय करना. ये सब आपकी देन है.

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बदले-बदले से लगते हैं कनाडा के सुर 

मार्क कार्नी ने मार्च 2025 में कनाडा के पीएम की कुर्सी संभाली थी. ये वो समय था जब ट्रंप लगातार टैरिफ को लेकर कनाडा समेत पूरी दुनिया को हड़का रहे थे. और तो और ट्रंप उस समय लगातार कनाडा पर कब्जा करने की धमकी भी दे रहे थे. तब ट्रंप ने कनाडा को अपना 51वां राज्य बनाने की इच्छा जाहिर कर रहे थे. कार्नी के कुर्सी पर बैठने से पहले कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भी जाते-जाते अमेरिकी प्रताड़ना का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था

कोई गलती न करें, यह हमारे राष्ट्र को परिभाषित करने वाला पल है. हमारा लोकतंत्र किसी का दिया हुआ नहीं है. हमारी स्वतंत्रता किसी की दी हुई नहीं है. यहां तक ​​कि कनाडा भी किसी का दिया हुआ नहीं है. अब कनाडा के लोग अपने पड़ोसी से अस्तित्व की चुनौती और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. कनाडा के लोग दिखा रहे हैं कि हम किस चीज से बने हैं.

कार्नी से हुई मुलाकात से ठीक एक दिन पहले ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान सहित वैश्विक युद्धों को रोकने के लिए टैरिफ के इस्तेमाल का क्रेडिट लिया. उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका के व्यापारिक प्रभाव खासकर टैरिफ की ताकत ने उसे एक ‘शांतिप्रिय’ राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है. ट्रंप ने कहा 

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अगर मेरे पास टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं होती, तो सात में से कम से कम चार युद्ध चल रहे होते. अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें, तो वे इसके लिए तैयार थे. सात विमान मार गिराए गए. मैं ठीक-ठीक नहीं बताना चाहता कि मैंने क्या कहा था, लेकिन मैंने जो कहा वह बहुत प्रभावी था.

भारत नकार चुका है ट्रंप के दावे

ट्रंप के दावे से इतर भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को दृढ़ता से खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने बार-बार कहा है कि सीजफायर पर सहमति भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई बातचीत की वजह से बनी थी. यहां तक कि भारत के प्रधानमंत्री तक संसद में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नकार चुके हैं. भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसके बाद दोनों ओर से हमले शुरू हुए. 10 मई तक भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेसेज को तबाह कर दिया. कई एयर डिफेंस सिस्टम नाकाम कर दिए. जिसके बाद दोनों पक्ष 10 मई को युद्ध विराम पर सहमत हुए.

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