महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan singh) का बड़ा बयान सामने आया है. बृजभूषण सिंह ने पहलवानों को चुनौती देते हुए कहा है कि वो नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं.
बृजभूषण ने यौन शोषण के आरोपों पर ऐसी शर्त रख दी कि पहलवान सोच में पड़ जाएंगे!
बृजभूषण ने इन दो पहलवानों का तो खासतौर पर नाम लिया है.
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फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने शर्त रखते हुए पहलवानों को भी नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी. उन्होंने पोस्ट कर लिखा,
“मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफी टेस्ट या लाई डिटेक्टर करवाने के लिये तैयार हूं. लेकिन मेरी शर्त है कि मेरे साथ विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का भी टेस्ट होना चाहिए. अगर दोनों पहलवान अपना टेस्ट करवाने के लिये तैयार हैं तो प्रेस बुलाकर घोषणा करें और मैं उनको वचन देता हूं कि मैं भी इसके लिए तैयार हूं.”
बृजभूषण सिंह ने आगे लिखा कि वो आज भी अपनी बात पर कायम हैं और हमेशा कायम रहने का वादा करते हैं. आजतक से बात करते हुए बृजभूषण सिंह के निजी सचिव संजीव सिंह ने बताया,
बृजभूषण को बचाने के आरोप“बृजभूषण सिंह नार्को टेस्ट से पीछे हटने वाले नहीं हैं. चाहे किसी भी न्यायालय का आदेश आ जाए या सुप्रीम कोर्ट का, नार्को टेस्ट कराने के लिया तैयार हैं. जो भी एजेंसी जांच कर रही है अगर उस एजेंसी को यह लगता है कि इसमें नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए, तो भी हम तैयार हैं.”
दरअसल, 23 जनवरी को पहलवानों के प्रदर्शन के बाद जांच के लिए खेल मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया था. बॉक्सर मैरी कॉम को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलवानों ने सबूत के तौर पर इस कमेटी को वीडियो रिकॉर्डिंग्स दी थीं. बाद में पहलवानों ने कमेटी पर आरोप लगाए थे कि बृजभूषण शरण सिंह को बचाने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग्स से छेड़छाड़ की गई.
इससे पहले खबर आई थी कि पुलिस के पास दर्ज कराए बयानों में पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे. आरोप लगाए गए थे कि सांस की जांच के बहाने बृजभूषण ने महिला पहलवानों के ब्रेस्ट छुए. पहलवानों ने ये भी आरोप लगाया था कि उनके करियर पर असर पड़ने के डर की वजह से वो बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज करा पा रहे थे. कमेटी ने पिछले महीने ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी.
NHRC ने भेजा नोटिसइधर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन को यौन उत्पीड़न (PoSH) कानून के प्रावधानों का पालन न करने के लिए एक नोटिस जारी किया था. आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए खेल निकायों और खेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, NHRC ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को भी नोटिस भेजा था. NHRC ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. NHRC की तरफ से कहना था कि PoSH कानून का पालन न करना चिंता का विषय है, जो खिलाड़ियों के कानूनी अधिकार और सम्मान पर असर डाल सकता है.
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