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एक्सीडेंट में चली गई आर्मी ऑफिसर की जान, पता है उसका दिल किसको लगाया गया?

ऑफिसर के घरवालों ने लिया दिल दान करने का फैसला.

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हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. (सांकेतिक फोटो: इंडिया टुडे)

आर्मी के एक पूर्व अफसर (Army Ex Officer) की एक्सीडेंट में मौत होने के बाद उनका दिल एक महिला को दान कर दिया गया. वो महिला आर्मी के एक जवान की पत्नी है. एक्सीडेंट के बाद पूर्व अफसर को अस्पताल ले जाया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. जिसके बाद आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज और आर्मी ऑर्गन रेट्रीवल एंड ट्रांसप्लांट अथॉरिटी ने साथ मिलकर ये ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) किया. 

एक्सीडेंट हुआ था

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी से रिटायर्ड एक 40 साल के व्यक्ति का 8 फरवरी को मध्य प्रदेश के भिंड में एक्सीडेंट हो गया. एक्सीडेंट के बाद भिंड के सिविल अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया. और फिर 9 फरवरी को उन्हें नई दिल्ली के आर्मी हास्पिटल रिसर्च एंड रेफरल में लाया गया लाया गया. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनके सिर में गहरी चोटें आई हैं. जिसके बाद 11 फरवरी को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. लेफ्टीनेंट कर्नल अनीता नायर ने बताया कि ये पता चलने के बाद अफसर के घरवालों ने अफसर के शरीर के अंगों को दान करने का फैसला किया. अनीता नायर आर्मी ऑर्गन रेट्रीवल और ट्रांसप्लांट अथॉरिटी की कॉर्डिनेटर हैं.

एक्सीडेंट में ब्रेन डेड घोषित किए गए सेना के पूर्व अफसर का दिल सेना में ही सेवा दे रहे एक जवान की 29 साल की पत्नी को दान किया जाएगा. डॉक्टरों के मुताबिक, जिस महिला को ये दिल दान दिया जा रहा है, उनका दिल कमजोर है. वो पुणे के आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोथॉरैकिक साइंसेज में पिछले 6 महीनों से किसी हार्ट डोनर का इंतजार कर रही थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, ये आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज(AFMS) में अपनी तरह का पहला मामला है. बीती 11 फरवरी को आर्मी ऑर्गन रेट्रीवल और ट्रांसप्लांट अथॉरिटी(AORTA) ने इस हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए कॉर्डिनेट किया था. 

ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया

AORTA के डॉयरेक्टर ब्रिगेडियर रजत शुक्ला ने बताया कि ट्रांसप्लांट एक्ट 2014 के तहत डॉयरेक्टर जनरल आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज के पास दान किए गए अंगों को अलग-अलग मिलिट्री अस्पतालों के बीच साझा करने का अधिकार है. मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, हार्ट सर्जरी के लिए दिल को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए दिल्ली से पुणे पहुंचाया गया. ये काम भारतीय एयरफोर्स के विमान से किया गया, जो खासकर इन्हीं कामों के इस्तेमाल किया जाता है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे में भी ग्रीन कॉरीडोर की व्यवस्था की गई थी. इसमें महाराष्ट्र स्टेट पुलिस और ट्रैफिक पुलिस ने सहयोग किया. डोनर के दिल को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के बीच काफी कम समय में पहुंचाया गया. इसके लिए वायुसेना ने एम्बर जेट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के हेड ने अपनी सर्जन और अनस्थीजोलॉजिस्टस की टीम के साथ ट्रांसप्लांट को रिकॉर्ड समय के अंदर पूरा कर दिया. 

वीडियो: तारीख: कैसे हुई थी भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी की शरुआत?