ऑस्ट्रेलिया में यहूदी त्योहार पर हुए हमले के बाद जब एक नाम सामने आया तो कहानी ने नया मोड़ ले लिया. साजिद अकरम. भारतीय नागरिक. अधिकारियों ने साफ कहा कि हैदराबाद में अपने परिवार से उसका बरसों से कोई खास संपर्क नहीं रहा. दावा यह भी था कि भारत से उसका नाता लगभग टूट चुका है. लेकिन अब परतें खुल रही हैं. सामने आया है कि साजिद आखिरी बार 2022 में दो हफ्तों के लिए भारत आया था. यह कोई इत्तेफाकी दौरा नहीं था, बल्कि 1998 के बाद से उसका छठवां भारत आगमन था. यानी रिश्ते पूरी तरह टूटे नहीं थे, बस नजरों से ओझल थे.
इंडियन पासपोर्ट पर घूम रहा था बोंडी बीच का आरोपी साजिद, 6 बार तो भारत भी आ चुका था
Bondi Beach Attack: सिडनी के बोंडी बीच गोलीबारी के आरोपी साजिद के भारतीय मूल का होने की खबरों पर मुहर लगने के बाद कई चौंका देने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. मिसाल के तौरपर उसका भारतीय पासपोर्ट इस्तेमाल करके फिलीपिंस जाना और यहां तक 6 बार भारत आना. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या हैदराबाद में साजिद को कोई लोकल कनेक्शन भी था?


इसी बीच तेलंगाना पुलिस ने मंगलवार 16 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी. बताया गया कि बीते 27 सालों में साजिद का हैदराबाद में अपने परिवार से संपर्क बेहद सीमित रहा. वह सिर्फ खास मौकों पर भारत आता था, कभी प्रॉपर्टी के काम से तो कभी अपने बुजुर्ग माता पिता से मिलने. लेकिन द हिंदू की रिपोर्ट ने इस कहानी में एक और सवाल जोड़ दिया. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया कि साजिद के पिता की मौत 2017 में हो चुकी थी. इसके बावजूद साजिद उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने भारत नहीं आया. अब सवाल यह है कि जो शख्स छठी बार भारत आ सकता है, वह पिता के आखिरी विदा में क्यों नहीं आया. यही सवाल इस पूरी कहानी को और गहरा बना देता है.
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जांच जैसे जैसे आगे बढ़ी, साजिद अकरम की निजी जिंदगी की परतें भी खुलने लगीं. एक अन्य अधिकारी के हवाले से बताया गया कि अकरम का करीबी परिवार आज भी हैदराबाद में रहता है. उसका बड़ा भाई पेशे से डॉक्टर है और उसका पारिवारिक दायरा पूरी तरह भारत से कटा हुआ नहीं है. उसके पिता कभी संयुक्त अरब अमीरात में काम किया करते थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद साजिद की जिंदगी ने अलग मोड़ लिया. हैदराबाद से कॉमर्स में बैचलर डिग्री लेने के बाद वह ऑस्ट्रेलिया चला गया, वहीं उसने एक यूरोपीय महिला से शादी कर ली. दिलचस्प बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में बसने के बावजूद उसने अपना भारतीय पासपोर्ट संभाल कर रखा.
भारत में लोकल कनेक्शन?अब सवाल उठा कि क्या भारत में उसका कोई लोकल नेटवर्क था. इस पर अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि शुरुआती जांच में ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है. अभी तक कोई स्थानीय कनेक्शन सामने नहीं आया है. ऑस्ट्रेलिया में वह किन गतिविधियों में शामिल था, इसकी भी पूरी तस्वीर भारतीय एजेंसियों के पास नहीं है. अधिकारी के मुताबिक उसकी पृष्ठभूमि की जांच उन सूचनाओं के आधार पर की गई, जो खुफिया सूत्रों से मिली थीं. यानी फिलहाल भारत में उसकी जड़ें होने के दावे कमजोर नजर आ रहे हैं.
कब गया था फिलीपींसइधर जांच की आंच ऑस्ट्रेलिया से निकलकर फिलीपींस तक पहुंच गई है. ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी इस पूरे मामले में भारतीय एजेंसियों के लगातार संपर्क में हैं. एक दिन पहले फिलीपींस के इमिग्रेशन अधिकारियों ने बड़ा खुलासा किया. बताया गया कि साजिद अकरम पिछले महीने भारतीय पासपोर्ट पर फिलीपींस गया था. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की प्रवक्ता डाना सैंडोवल ने मंगलवार 16 दिसंबर को मनीला में न्यूज एजेंसियों को बताया कि साजिद सिडनी से उड़ान भरकर फिलीपींस पहुंचा था. अब उसकी आवाजाही की यह कड़ी जांच एजेंसियों के लिए नए सवाल खड़े कर रही है.
इस पूरे मामले पर जब नजर भारत की तरफ गई तो वहां से भी सन्नाटा ही सुनाई दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलीपींस के इमिग्रेशन अधिकारी के बयान पर उठे सवालों का कोई सीधा जवाब नहीं दिया. मंत्रालय के अधिकारियों ने साफ कहा कि जांच की जिम्मेदारी ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियों की है और वही इसकी बारीक जानकारियां साझा करेंगे. यानी गेंद पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया के पाले में डाल दी गई.
लेकिन ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं की जा रही. वहां के अधिकारियों ने हमलावरों के मूल स्थान को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. इस बीच शुरुआती रिपोर्ट्स में यह दावा भी उछला कि साजिद पाकिस्तान मूल का है. जब यह सवाल सीधे ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस के सामने रखा गया तो उन्होंने भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया. बस इतना कहा कि यह जांच का हिस्सा है. अब कई देशों की चुप्पी और टालमटोल ने इस मामले को और ज्यादा रहस्यमय बना दिया है.
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