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भारत के लिए बड़ी खबर! ऑस्कर अवॉर्ड के करीब पहुंची 'होमबाउंड'

इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में अब इसका मुकाबला जर्मन फिल्म 'साउंड ऑफ फॉलिंग', जापान की 'कोकुहो', इराक की 'द प्रेसिडेंट्स केक' और फ्रांस की 'इट वॉज़ जस्ट एन एक्सीडेंट' से है.

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'होमबाउंड' को कान फिल्म फेस्टिवल में 9 मिनट का स्टैन्डिंग ओवेशन मिला था.

Neeraj Ghaywan की Homebound को Oscar 2026 में भारत की तरफ़ से ऑफिशियल एंट्री बनाकर भेजा गया था. Best International Feature में इसका मुकाबला दुनियाभर की 86 अन्य फिल्मों से हुआ था. वहां से अपना रास्ता बनाते हुए फिल्म ने अब टॉप 15 में अपनी जगह पक्की कर ली है. हालांकि फाइनल पांच फिल्मों में जगह बनाने के लिए इस मूवी को अभी और सफ़र तय करना है.

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किसी फिल्म का ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री के लिए चुना जाना बड़े अचिवमेंट की तरह देखा जाता है. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट के अनुसार, 'होमबाउंड' से पहले केवल 4 भारतीय फिल्मों को ही ऑस्कर के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था. इनमें से तीन बेस्ट इंटरनेशनल फीचर कैटेगरी में चुनी गई थीं. इसे ही बेस्ट फ़ॉरेन फिल्म कैटेगरी भी कहा जाता है. शॉर्टलिस्ट हुई इन मूवीज़ में महबूब खान की 'मदर इंडिया' (1957), मीरा नायर की 'सलाम बॉम्बे' (1988), आशुतोष गोवारिकर की 'लगान' (2001) और पैन नलिन की 'लास्ट फिल्म शो' (2021) शामिल हैं. हालांकि इनमें से कोई भी ऑस्कर नहीं जीत पाई थी.

ऐसे में 'होमबाउंड' ने एक बार फिर उम्मीद जगाई है. इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में अब इसका मुकाबला जर्मन फिल्म 'साउंड ऑफ फॉलिंग', जापान की 'कोकुहो', इराक की 'द प्रेसिडेंट्स केक' और फ्रांस की 'इट वॉज़ जस्ट एन एक्सीडेंट' से है. अल्फ़ाबेटिकल ऑर्डर में पूरी लिस्ट कुछ इस प्रकार है,

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अर्जेंटीना - बेलेन
ब्राज़ील - द सीक्रेट एजेंट
फ्रांस - इट वॉज़ जस्ट एन एक्सीडेंट
जर्मनी - साउंड ऑफ़ फ़ॉलिंग
इंडिया - होमबाउंड
इराक - द प्रेसिडेंट्स केक
जापान - कोकुहो
जॉर्डन - ऑल दैट्स लेफ्ट ऑफ़ यू


नॉर्वे - सेंटिमेंटल वैल्यू
फ़िलिस्तीन - पैलेस्टाइन 36
दक्षिण कोरिया - नो अदर चॉइस
स्पेन - सिरात
स्विट्ज़रलैंड - लेट शिफ्ट
ताइवान - लेफ्ट-हैंडेड गर्ल
ट्यूनीशिया - द वॉइस ऑफ़ हिंद रजब

टॉप 15 में चुना जाना बड़ी बड़ी बात है. मगर आगे रास्ता और भी कठिन है. दरअसलअन्य कैटेगरीज़ में केवल उसी कैटेगरी के अकेडमी मेंबर्स को वोट करने की इजाज़त होती है. जैसे सिनेमैटोग्राफी कैटेगरी में केवल सिनेमैटोग्राफर्स वोट करेंगे या डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में केवल डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर्स वोट करेंगे. 

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मगर इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में मसला थोड़ा अलग है. यहां किसी भी कैटेगरी का मेम्बर वोट डाल सकता है. साथ ही यहां वोट करने से पहले लोगों को इस कैटेगरी की सारी फिल्में देखनी पड़ती हैं. जब तक वो सभी फिल्में देख नहीं लेते, तब तक वो वोट नहीं कर सकते. इसमें दुनिया के कई देशों से चुनी हुई सबसे बेहतरीन फिल्में आमने-सामने होती हैं. इस वजह से कॉम्पीटिशन ज़्यादा रहता है. बता दें कि ऑस्कर 2026 के लिए वोटिंग 12 जनवरी से 16 जनवरी 2026 के बीच होगी. वहीं फाइनल 5 फिल्मों की घोषणा 22 जनवरी 2026 को होगी.

वीडियो: कान फिल्म फेस्टिवल में 9 मिनट का स्टैडिंग ओवेशन, क्या है होमबाउंड की कहानी?

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