कहा जा रहा है कि बॉबी का किरदार उन 'संतों' पर बेस्ड है जो देश की अलग-अलग जेलों में सज़ा काट रहे हैं. इन्ही में से एक जोधपुर की जेल में है. नोटिस जारी करने के साथ ही कोर्ट ने सुनवाई की तारीख भी तय कर दी. 11 जनवरी, 2021. जोधपुर के लोकल सिटिज़न कुश खंडेलवाल ने ये याचिका दायर की थी. कुश का आरोप है कि एक दोषी 'संत' पर बॉबी के किरदार को आधारित करना गलत था.
अपनी याचिका में कुश ने लिखा,
बॉबी देओल के किरदार को एक संत की तरह दिखाने से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. वो हिंदू, जो संतों को मानते हैं, उन्हे पूजते हैं. रेपिस्ट, करप्ट और ड्रग डीलर के तौर पर दिखाए गए उनके किरदार से हिंदुओं के मन में जो संतों को लेकर भावना है, वो प्रभावित हुई है.

करणी सेना भी शो पर आपत्ति उठा चुकी है. फोटो - ट्रेलर
कोर्ट के दरवाजे पर जाने से पहले कुश ने पुलिस की मदद ली. बॉबी देओल और प्रकाश झा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवानी चाही. पुलिस ने केस दर्ज करने से साफ मना कर दिया. जिसके बाद मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे. पर वहां से भी निराश होकर लौटना पड़ा. इसके बाद सीधे अपनी शिकायत लेकर जोधपुर डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज के पास गए.
बता दें कि 'आश्रम' का सेकंड सीज़न 'आश्रम चैप्टर 2: दी डार्क साइड' 11 नवंबर को रिलीज़ किया गया. एमएक्स प्लेयर पे. तभी से शो की आलोचना जारी है. सोशल मीडिया कैम्पेन चलाया गया, जहां शो पर हिंदू संस्कृति को भद्दे तरीके से दिखाने का आरोप लगा. इसी सिलसिले में करणी सेना ने भी शो के प्रडयूसर्स को लीगल नोटिस भेजा था.