पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammed) पर पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान को लेकर देश-विदेश में बवाल मचा है. लेकिन, इस बीच बांग्लादेश ने एक संतुलित बयान दिया है. बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री डॉ. हसन महमूद ने कहा है कि पैगंबर पर टिप्पणी का विवाद भारत का आंतरिक मामला है और बांग्लादेश की सरकार को इस पर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है.
पैगंबर टिप्पणी विवाद पर अब बांग्लादेश के मंत्री ने क्या कहा?
बांग्लादेश के मंत्री हसन महमूद ने जो कहा वो भारत को बड़ी राहत देने वाला है

बांग्लादेश में अवामी लीग की सरकार है. बीते शनिवार 11 जून को मंत्री हसन महमूद बांग्लादेश में आयोजित एक कार्य्रक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. इस दौरान उनसे नूपुर शर्मा के बयान को लेकर कुछ भारतीय पत्रकारों ने सवाल किए. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक़ महमूद बोले,
‘पहली बात तो ये है कि ये बांग्लादेश के लिए बाहरी मामला है. ये मुद्दा भारत का है, बांग्लादेश का नहीं. हमें इसके बारे में कुछ नहीं कहना है.’
इसके बाद महमूद ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर की गई कार्रवाई के लिए भारत को बधाई भी दी. ये भी कहा कि बांग्लादेश इस मुद्दे को और हवा नहीं देना चाहता. पत्रकारों ने सवाल किया कि एक दर्जन से ज्यादा मुस्लिम देश और 57 मुस्लिम देशों के संगठन OIC ने विरोध किया है, मामले पर कड़ी निंदा की है, लेकिन बांग्लादेश चुप रहा. इस पर महमूद बोले,
‘हमने किसी तरह का कॉम्प्रोमाइज नहीं किया है. पवित्र पैगंबर का अपमान कहीं भी और कभी भी किया जाए, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. लेकिन भारत सरकार ने कार्रवाई की है. और इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद और बधाई देते हैं. अब क़ानून अपना काम करेगा.’
महमूद आगे बोले,
'भारत की राजनीति में हम दखल क्यों दें?'‘पैगंबर का अपमान , बांग्लादेश के लिए मुद्दे की बात नहीं है. क्या इस मुद्दे पर पहले ही पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है? मुझे इस मुद्दे को क्यों उकसाना चाहिए? क्यों भड़काना चाहिए? मेरा काम मुद्दे को भड़काना नहीं है.’
बांग्लादेश के मंत्री डॉ महमूद ने आगे कहा,
‘किसी भी धर्म को ठेस पहुंचे, हम इसे बर्दाश्त नहीं करते हैं. और अगर कोई दूसरे देशों की घटनाओं पर यहां अराजकता पैदा करने की कोशिश करेगा तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा.’
महमूद से ये भी पूछा गया कि भारत में राजनीतिक लोग कथित बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में टिप्पणी करते हैं. इस पर महमूद बोले कि कहा कि इन नेताओं की अपनी घरेलू राजनीतिक मजबूरियां हो सकती हैं. बांग्लादेश उनके बयानों के बारे में चिंता नहीं करता है.
महमूद बोले,
‘अपने यहां की राजनीति के चलते वे ऐसा कर सकते हैं. नेता बहुत सारी चीजें अपनी घरेलू राजनीति के कारण बोलते हैं. हम समझते हैं इसलिए उनसे कोई सफ़ाई नहीं मांगते, हमें उन पर कोई ध्यान देने की जरूरत नहीं है.’
डॉ. महमूद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और PM मोदी की लीडरशिप में भारत और बांग्लादेश के संबंधों को नई ऊंचाई मिली है. महमूद ने 1971 की जंग और बांग्लादेश की आजादी का हवाला देते हुए भारत के प्रति आभार जताया.
प्रदर्शनकारियों को बांग्लादेश की सरकार ने दी चेतावनीबता दें कि बांग्लादेश की सरकार ने पूरे मामले पर अभी तक भारत सरकार, बीजेपी या आपत्तिजनक बयान देने वाले बीजेपी नेताओं को लेकर कोई निंदात्मक बयान नहीं दिया है. डॉ महमूद अवामी लीग के सीनियर नेता हैं. बीते शुक्रवार, उन्होंने नॉर्थ बांग्लादेश में आयोजित पार्टी की एक मीटिंग के दौरान कहा था कि किसी भी तरह का भड़काऊ बयान देने या कन्फ्यूज़न क्रिएट करने वालों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसी के चलते बांग्लादेश की सरकार, विपक्षी दलों और कुछ इस्लामिक ग्रुप्स के निशाने पर है. बीते शुक्रवार 10 जून को मुस्लिम संगठनों ने ढाका में विरोध प्रदर्शन किए थे. ढाका शहर की प्रमुख मस्जिद के बाहर भी प्रदर्शन किया गया था.
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