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'डॉक्टर पर हमला कर BJP MP संसद आ रहे', राहुल के सपोर्ट में कांग्रेस कौन सा केस लाई?

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला तक पहुंचा मामला. बवाल बढ़ेगा!

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कांग्रेस लगातार राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के मुद्दे को उठा रही है. (फोटो: PTI/सोशल मीडिया )

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है. इसे लेकर पार्टी के तमाम नेता लगातार आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में पार्टी के नेता एक बीजेपी सांसद का मामला उछाल रहे हैं. नेताओं के मुताबिक, सांसद को तीन साल की सजा हुई थी, लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी की तरह उनकी सदस्यता रद्द नहीं की गई थी. पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने मीडिया से बात करते हुए कहा,

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एक उदाहरण देता हूं. राहुल गांधी को बहुत तेज़ी से डिसक्वालिफाई किया गया. वहीं गुजरात के एक एमपी को तीन साल की सज़ा हो गई थी. 16 दिन में उसका डिसक्वालिफिकेशन रद्द करा कर उसको संसद अटेंड करने दिया. एक को तीन साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद भी उसे संसद अटेंड करने की इज़ाज़त मिलती है, लेकिन एक व्यक्ति जो सच बात किया है, उसे बहुत तेज़ी से डिसक्वालिफाई किया जाता है. 24 घंटे में उसका नोटिस निकाला जाता है. जो एमपी एक शेड्यूल कास्ट के डॉक्टर को मारकर, जिसे सज़ा मिली थी, सेशन कोर्ट में उसका अपील रिजेक्ट हुआ था. हाई कोर्ट में उसका अपील रिजेक्ट हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने उस पर पांच लाख का दंड लगाया था. ऐसे लोग अटेंड कर सकते हैं, और सच बोलने वाले अटेंड भी नहीं कर सकते. उनको संसद से बाहर रखा जाता है. आप सोचिए, कौन किसके ऊपर दबाव डाल रहा है और किसको राहत मिल रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कछाड़िया को सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक दलित डॉक्टर पर हमला करने के आरोप में दोषी ठहराया गया था. अदालत ने उन्हें अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था. नारनभाई कछाड़िया को 13 अप्रैल 2016 को सजा सुनाई गई थी. बाद में 29 अप्रैल को उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी.

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अधीर रंजन ने लिखा पत्र

इससे पहले कांग्रेस पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला इस संबंध में एक खत लिखा था. इस खत में उन्होंने बताया कि 2016 में अमरेली के सांसद नारनभाई भीखाभाई कछाड़िया को एक आपराधिक मामले में तीन साल की सज़ा सुनाई गई थी, फिर भी उन्हें डिसक्वालिफाई नहीं किया गया था. अधीर ने चिट्ठी में लिखा,

नारनभाई कछाड़िया को धारा 332, 186 और 143 IPC के तहत एक अपराध का दोषी ठहराया गया था और धारा 332 IPC के तहत तीन साल की कैद और धारा 143 IPC के तहत छह महीने की कैद की सजा दी गई थी.

अधीर ने चिट्ठी में बताया कि हाई कोर्ट ने इस फैसले को सस्पेंड कर दिया था. अधीर ने कहा कि कछाड़िया को डिसक्वालिफाई कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन उस वक्त के स्पीकर ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया था. 

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इससे पहले 23 मार्च को "मोदी सरनेम" वाले बयान को लेकर सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी थी. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से लोकसभा सांसद थे. राहुल ने इस फैसले को चुनौती दी है.

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