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महाराष्ट्र: रेप के आरोपी BJP विधायक को कोर्ट से राहत नहीं, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी!

महिला ने कोर्ट के सामने कहा कि नाईक एक विधायक और मंत्री होने के नाते मजबूत राजनीतिक व्यक्ति थे. इसी कारण वो ‘शारीरिक उत्पीड़न’ की शिकायत नहीं कर सकी. लेकिन, 2022 में आखिरकार उसने न्याय के लिए शिकायत करने का फैसला कर ही लिया.

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गणेश नाइक. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र से भाजपा विधायक गणेश नाईक (BJP MLA Ganesh Naik) को ठाणे की एक अदालत से झटका लगा है. कोर्ट ने रेप के आरोपी विधायक की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बाद अब भाजपा नेता पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. नाईक पर जिस महिला ने आरोप लगाया है, वो गुजरात की रहने वाली है. इस महिला के मुताबिक, आरोपी उसके साथ लिव इन में रह चुका है.

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दो पुलिस स्टेशनों में शिकायत

आरोप लगाने वाली 48 वर्षीय महिला एक कंपनी की मालिक है. उसका एक 15 साल का बेटा भी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोप है कि नाईक ने उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया. महिला के मुताबिक, वो गणेश नाईक से 1993 में वाशी के एक क्लब में पहली बार मिली थी. नाईक अक्सर इस क्लब में आते जाते रहते थे और महिला यहां रिसेप्शनिस्ट थी. महिला का आरोप है कि रिलेशनशिप आगे बढ़ने के बाद 2004 में उन्होंने एक बच्चा पैदा करने का फैसला लिया. लेकिन, नाईक ने 5 साल बाद बच्चे को अपना नाम देने और अपने साथ रखने का वादा किया था. बाद में 2007 में महिला ने अमेरिका के न्यू जर्सी में एक बच्चे को जन्म दिया.

महिला का कहना है कि नाईक ने उसे बच्चे के साथ रहने के लिए नवी मुंबई में एक घर दिया. साथ ही, हफ्ते में 3 बार मिलने का वादा किया था.

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महिला ने पहले नेरुल पुलिस स्टेशन और बाद में बेलापुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. (फोटो- नवी मुंबई पुलिस स्टेशन साइट)

इंडिया टुडे से जुड़ीं विद्या की रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने कोर्ट के सामने कहा कि नाईक एक विधायक और मंत्री होने के नाते मजबूत राजनीतिक व्यक्ति थे. इसी कारण वो ‘शारीरिक उत्पीड़न’ की शिकायत नहीं कर सकी. लेकिन, 2022 में आखिरकार उसने न्याय के लिए शिकायत करने का फैसला कर ही लिया. जिसके बाद, उसने नेरुल पुलिस स्टेशन और बाद में बेलापुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें महिला ने कहा कि नाईक ने उसकी मर्जी के बिना संबंध बनाए थे.

विधायक के वकील की दलील

दूसरी तरफ, नाईक के वकील ने महिला के आरोपों को झूठा बताया. नाईक के वकील नितिन प्रधान ने कोर्ट में कहा कि ये आरोप राजनीतिक साजिश के तहत लगाए हैं. उन्होंने कहा,

“नाईक को नवी मुंबई का वास्तुकार माना जाता है. नवी मुंबई नगर निगम क्षेत्र में नाईक का राजनीतिक दबदबा है. उन्हें राजनीतिक हानि पहुंचाने के लिए उनके प्रतिद्वंद्वियों ने साजिश की है.”

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नाईक के वकील ने आगे ये भी आरोप लगाया कि महिला को एक ‘राजनीतिक गुड़िया’ की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. वकील ने आगे कहा कि महिला के दावे के मुताबिक, विधायक उसके बेटे के बायोलॉजिकल फादर हैं, तो वो DNA टेस्ट के लिए भी तैयार हैं. अपनी दलील में वकील ने अदालत से अपील कि नाईक के केस की सुनवाई क्राइम केस की तरह नहीं बल्कि सिविल मामलों की तरह की जाए. वकील ने इसके साथ ही कोर्ट से विधायक के लिए सात दिनों का समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने इनकार कर दिया.

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