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'BJP ऑफिस की सिक्योरिटी में अग्निवीर को प्राथमिकता', बयान पर घिरे कैलाश विजयवर्गीय

देशभर में अग्निपथ योजना के बीच तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ शब्दों में कहा है कि ये योजना वापस नहीं होगी.

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पार्टी ऑफिस में अग्निवीर योजना पर बोलते कैलाश विजयवर्गीय. (फोटो: ट्विटर)

अग्निपथ योजना पर दिए गए एक बयान को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में विजयवर्गीय अग्निवीरों को बीजेपी ऑफिस में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर तैनात करने के लिए प्राथमिकता देने की बात कर रहे हैं. इस बयान को लेकर उनकी काफी आलोचना हो रही है.

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विजयवर्गीय ने क्या कहा?  

ट्विटर पर मौजूद करीब 45 सेकंड के इस वीडियो में कैलाश विजयवर्गीय कह रहे हैं,

"सेना की ट्रेनिंग में पहला डिसिप्लिन दूसरा आज्ञा का पालन करना.. जब वो ट्रेनिंग लेगा और चार साल की सेवा करने के बाद निकलेगा, साढ़े 17 साल से 23 साल तक की उम्र का होगा, अगर वो 21 साल में भी भर्ती होता है, तो चार साल काम करने के बाद वो 25 साल का हो जाएगा. जब वो बाहर निकलेगा तो 11 लाख रुपये उसके हाथ में होंगे और छाती पर अग्निवीर का एक तमगा लगा होगा... मुझे अगर इस ऑफिस में, बीजेपी के ऑफिस में अगर सिक्योरिटी रखनी है, तो मैं अग्निवीर को प्राथमिकता दूंगा."

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ये बात बोलने के बाद वो एक किस्सा बताने लगे, लेकिन तभी वीडियो खत्म हो जाता है. वहीं कई राजनीतिक दल और नेता उनके बयान के सिर्फ उतने ही हिस्से को शेयर कर रहे हैं, जिसमें वो विवादित बयान दे रहे हैं.

वरुण गांधी ने कसा तंज

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता पर इशारों-इशारों में तंज कसा. उन्होंने कहा, 

"जिस महान सेना की वीर गाथाएं कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की 'चौकीदारी' करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक. भारतीय सेना मां भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक 'नौकरी' नहीं."

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विपक्ष हुआ हमलावर 

कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को ट्विटर पर कांग्रेस शेयर करते हुए लिखा, 

'अग्निपथ को लेकर सारी शंकाए दूर कर दीं. भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय ने. ये सत्याग्रह इसी मानसिकता के खिलाफ है.'


AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट थ्रेड पोस्ट कर कहा,

बीजेपी नेता सैनिकों को चौकीदार के तौर पर अपने ऑफिस में रखने की बात कह रहे हैं. एक सम्मानित नौकरी करने वाले सैनिकों को मोदी की पार्टी यही इज्जत देती है?” 

ओवैसी ने आगे कहा, 

"अफसोस है कि सरकार में एक ऐसी पार्टी है. हमारी सेनाएं पाकिस्तान की तरह कभी राजनीति में शामिल नहीं रही हैं. यही हमारे लोकतंत्र की ताकत है. लेकिन युवाओं की समस्या को सुलझाने के बदले ऐसा करके बीजेपी एक खतरनाक खेल रही है. हमने बिना किसी प्लान के नोटबंदी और लॉकडाउन जैसे फैसलों का बुरा असर अर्थव्यवस्था और समाज में देखा है. क्या प्रधानमंत्री का कार्यालय अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी यही करना चाहता है?"

अपने बयान पर विवाद बढ़ता बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई में कुछ ट्वीट किए.

उन्होंने ट्विटर पर कहा कि अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल को पूरा करने के बाद वो जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा. विजयवर्गीय ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि टूलकिट से जुड़े लोग ऐसा करके देश के कर्मवीरों का अपमान कर रहे हैं. देश उनकी साजिशों को अच्छी तरह से जानता है.

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