The Lallantop

बंगाल SIR से पहले इन 5 दस्तावेजों ने बीजेपी की नींद उड़ाई!

BJP निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जन्म प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, वन अधिकार प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, पारिवारिक रजिस्टर और भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र को लेकर खास सतर्कता बरती जाए.

Advertisement
post-main-image
बंगाल बीजेपी ने निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपा है. (सांकेतिक तस्वीर- इंडिया टुडे)

BJP ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इन्टेंसिव रिविज़न (SIR) के दौरान ‘अतिरिक्त सतर्कता’ बरतने की मांग की है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बड़े पैमाने पर 'बैकडेटेड' यानी पुरानी तारीख वाले और 'फर्जी' दस्तावेज जारी किए हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

BJP ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की प्रमुख योजना ‘दुआरे सरकार’ के तहत जारी किए गए कई दस्तावेज ‘बने तो नागरिक कल्याण के लिए हैं, लेकिन वास्तव में इनका इस्तेमाल सीमा पार से आए अवैध घुसपैठियों को पहचान पत्र और नागरिकता का प्रमाण देने के लिए किया जा रहा है.’

पार्टी ने अपने ज्ञापन में कहा,

Advertisement

“2020 से अब तक इन शिविरों में जारी प्रमाणपत्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इनमें से कई दस्तावेजों का उपयोग फर्जी नागरिकता और निवास प्रमाण बनाने के लिए किया जा रहा है, जिससे SIR का असली उद्देश्य प्रभावित हो रहा है.”

BJP निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जन्म प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, वन अधिकार प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, पारिवारिक रजिस्टर और भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र को लेकर खास सतर्कता बरती जाए. BJP ने कहा

"24 जून 2025 के बाद जारी जन्म प्रमाणपत्रों को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इस तारीख के बाद “बैकडेटेड और देरी से किए गए पंजीकरणों में भारी बढ़ोतरी” हुई है. स्थायी निवास प्रमाणपत्र केवल तभी मान्य हों जब उन्हें ग्रुप-ए अधिकारियों ने जारी किया हो और उन्हें जारी करने वाली संस्था से क्रॉस-वेरिफाई किया गया हो. वन अधिकार प्रमाणपत्र सिर्फ 2 अप्रैल 2025 से पहले जारी किए गए होने चाहिए, क्योंकि बाद में जारी प्रमाणपत्रों में “भ्रष्टाचार और अनियमितता” की शिकायतें हैं.

OBC-A जाति प्रमाणपत्र, जो 2011 से 2024 के बीच जारी हुए, उन्हें नजरअंदाज किया जाए, क्योंकि इनमें “कई अवैध प्रवासियों को लाभ दिया गया है.”  पारिवारिक रजिस्टर को लेकर कहा गया कि ये राज्य में सही तरह से बनाए नहीं जाते. इसलिए 24 जून 2025 के बाद तैयार किए गए रजिस्टर और मनरेगा से जुड़े रजिस्टर मान्य न किए जाएं."

Advertisement

BJP का यह ज्ञापन समीक भट्टाचार्य, अमित मालवीय और बिप्लब देब सहित वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को सौंपा. इसमें मांग की गई कि पश्चिम बंगाल को “विशेष मामला” (special case) मानते हुए मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में विशेष निगरानी रखी जाए.

उधर ममता बनर्जी ने SIR के विरोध में मोर्चा खोल दिया है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा है कि वह मतदाता सूची के इस विशेष पुनरीक्षण का विरोध “सड़क से लेकर दिल्ली तक” करेगी.

वीडियो: SIR के डर से पश्चिम बंगाल में किसान ने जान देने की कोशिश, ममता बनर्जी ने बीजेपी पर किया पलटवार

Advertisement