बिहार में ‘पॉलिटिकल क्राइसिस’ की नई किश्त तैयार है. सत्तारूढ़ गठबंधन की दोनों पार्टियां - राजद और जदयू - आपस में उलझी हुई हैं. सूत्रों के हवाले से ख़बरें यहां तक चल गईं कि ‘नई कैबिनेट’ में कौन होगा? डिप्टी कौन होगा? लेकिन समझने वाली बात ये है कि बिहार का अंक-गणित बहुत टाइट है. ज़रा-सी गुंजाइश और बना-बनाया गेम बिगड़ सकता है.
नीतीश का बना बनाया 'गेम' बिगड़ सकता है? बिहार का अंक-गणित किसके पक्ष में?
बिहार विधानसभा में कुल सीटें हैं, 243. बहुमत के लिए चाहिए 122.

बिहार विधानसभा में कुल सीटें हैं, 243. अभी किस पार्टी के पास कितनी सीटें हैं?
पार्टी | विधायक/सीट |
राष्ट्रीय जनता दल | 79 |
भारतीय जनता पार्टी | 78 |
जनता दल यूनाइटेड | 45 |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 19 |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) | 12 |
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) | 4 |
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी | 2 |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी | 2 |
अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन | 1 |
- इनके अलावा एक निर्दलीय विधायक भी है.
बीजेपी से लेकर जदयू और राजद तक, तीनों ख़ेमों में हलचल है. जेडीयू ने अपने सभी विधायकों से तत्काल पटना पहुंचने के लिए कहा है, वहीं राजद ने भी अपनी तैयारियां तेज़ कर ली हैं. उधर, राजद ने 27 जनवरी को राबड़ी देवी के आवास पर विधायकों की आपात बैठक बुला ली है. लालू यादव ने महागठबंधन का हिस्सा रहे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी से भी संपर्क किया है. सूत्र बता रहे हैं कि लालू ने मांझी के बेटे संतोष मांझी को डिप्टी सीएम बनाने का ऑफ़र भी दिया है. हालांकि, संतोष मांझी ने इस ख़बर को ख़ारिज किया है. कहा कि NDA के साथ हैं, NDA के साथ ही रहेंगे.
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जदयू सरकार कैसे बन सकती है?बिहार विधानसभा की बहुमत के लिए चाहिए 122. अगर नीतीश NDA में शामिल हो जाते हैं, तो मामला साफ़ है. भाजपा, जदयू और हम की सीटें मिलकर होती हैं, 127. माने बहुमत से 5 ज़्यादा.
अभी के सत्तारूढ़ गठबंधन से अगर जदयू निकल जाए, तो राजद, कांग्रेस और लेफ़्ट के विधायकों की संख्या जोड़ कर 114 पहुंचती है. माने बहुमत से 8 कम. अगर इस गठबंधन में जीतन राम मांझी की पार्टी जुड़ जाती है, तो ये संख्या 118 हो सकती है. फिर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का भी एक विधायक है जो न तो NDA में शामिल है, न ही महागठबंधन में. एक-एक सीट की लड़ाई में उन्हें भी शामिल किया जा सकता है.
आंकड़ों का ऊंट अभी नीतीश के पाले में है. राजद पिता-पुत्र के लिए गणित साधना आसान नहीं. मगर जैसा आज के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पूर्व-डिप्टी मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा - राजनीति संभावनाओं का खेल है.
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