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अरनपुर से पहले इन नक्सली हमलों से हिल गया था पूरा देश

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 26 अप्रैल को एक बड़ा नक्सली हमला हुआ जिसमें 10 जवान शहीद हो गए. लेकिन ये पहला मौका नहीं है जब नक्सलियों ने घात लगाकर बड़ी संख्या में जवानों की जान ली.

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दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुआ नक्सली हमला. (घटनास्थल की तस्वीरें: इंडिया टुडे)

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 26 अप्रैल को एक बड़ा नक्सली हमला हुआ. इस हमले में कम से कम 10 जवान शहीद हो गए हैं. जवानों के साथ गए ड्राइवर की भी मौत हो गई. शुरुआती जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर इस हमले को अंजाम दिया. हमले में शहीद हुए जवान राज्य के डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) का हिस्सा थे.

देश के कई राज्यों से नक्सली हमलों की खबरें आती हैं. केंद्र सरकार दावा करती है कि ऐसी घटनाओं में लगातार गिरावट आ रही है. उग्रवादियों द्वारा की गई हिंसक घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार ने 8 फरवरी, 2023 को राज्यसभा में एक आंकड़ा पेश किया था. इसमें बताया गया था कि 2018 से लेकर 2022 तक देशभर में उग्रवादी हमलों में गिरावट आई है.

हालांकि, ऐसे दावों के बीच नक्सली सुरक्षाबलों के जवानों, स्थानीय नेताओं और आम लोगों पर बड़े हमले करते रहे हैं. कुछ हमलों में कई लोगों की जान गई है. एक नजर डालते हैं 2010 से अब तक हुए कुछ बड़े नक्सली हमलों पर.

कब-कब हुए बड़े नक्सली हमले?

6 अप्रैल, 2010: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में माओवादियों ने सिक्योरिटी फोर्स के एक काफिले पर हमला किया था. इस हमले में CRPF के 75 जवानों की मौत हो गई थी. राज्य पुलिस के एक अधिकारी की भी मौत हुई थी.

29 जून, 2010: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में घात लगाकर किए गए एक नक्सली हमले में CRPF के 26 जवान शहीद हो गए थे.

25 मई, 2013: छत्तीसगढ़ की दरभा घाटी में नक्सलियों के हमले में कांग्रेस पार्टी के 25 नेता मारे गए थे. इनमें राज्य के पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल भी थे.

11 मार्च, 2014: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में घिरम घाटी के घने जंगल वाले इलाके में घात लगाकर किए गए हमले में CRPF के 11 जवानों, 4 पुलिसकर्मियों और 1 नागरिक सहित 16 लोगों की मौत हो गई थी.

12 मार्च, 2017: सुकमा जिले में हुए माओवादी हमले में CRPF के 12 जवान शहीद हो गए थे. हमला घात लगाकर किया गया था. जवानों की हत्या करने के बाद नक्सलियों ने जवानों के पास से 10 हथियार चुरा लिए थे और एक IED ब्लास्ट कर दिया था.

24 अप्रैल, 2017: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों के एक ग्रुप पर घात लगाकर हमला किया था, जो सड़क पर काम करने वालों की रखवाली कर रहे थे. हमले में कम से कम 25 CRPF जवानों की मौत हुई थी और 7 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

13 मार्च 2018: सुकमा जिले के किस्ताराम क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए एक IED विस्फोट में CRPF की 212 बटालियन के 9 जवानों की मौत हो गई थी.

1 मई 2019: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने एक नक्सल विरोधी अभियान दल (एंटी नक्सल ऑपरेशन टीम) को निशाना बनाया. IED ब्लास्ट में 15 पुलिसकर्मियों समेत 16 लोगों की मौत हो गई थी.

21 मार्च 2020: सुकमा के एल्मगुंडा जंगल में माओवादियों के खिलाफ एक सिक्योरिटी ऑपरेशन चलाया गया था. इस दौरान माओवादियों के हमले में छत्तीसगढ़ पुलिस के 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. इनमें 12 जवान DRG और 5 स्पेशल टास्क फोर्स के थे.

23 मार्च, 2021: बस्तर के नारायणपुर जिले में माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही एक बस को ब्लास्ट किया था. हमले में 5 जवानों की मौत हो गई थी और 15 घायल हुए थे.

3 अप्रैल, 2021: बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर माओवादी हमला हुआ. 22 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई. 25 से ज्यादा जवान घायल हुए. माओवादियों ने इस हमले में देसी ग्रेनेड, रॉकेट लॉन्चर और मशीन गन का इस्तेमाल किया था.

26 अप्रैल, 2023: दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सल विरोधी अभियान के लिए पहुंचे डीआरजी बल पर आईईडी ब्लास्ट से हमला किया गया. इसमें 10 डीआरजी जवान और एक चालक की मौत हो गई.

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