वाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के 'जेनोफोबिया' वाले बयान (Joe Biden Xenophobia Remark) पर सफाई दी है. वाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन-पियरे की तरफ से कहा गया है कि बाइडन एक बड़े संदर्भ में बात कर रहे थे और अमेरिका के सहयोगी भली भांति जानते हैं कि बाइडन उनका कितना ज्यादा सम्मान करते हैं. पियरे ने कहा,
आर्थिक तरक्की और प्रवासियों पर भारत को मारा था ताना, अब सफाई देने में लगा अमेरिका
White House की तरफ से कहा गया कि अमेरिका के सहयोगी जानते हैं कि राष्ट्रपति जो बाइडन उनका कितना सम्मान करते हैं.

"बाइडन एक बड़े संदर्भ में बात कर रहे थे. वो अमेरिका की बात कर रहे थे और कह रहे थे कि प्रवासियों का स्वागत करना कितना जरूरी है और कैसे प्रवासियों ने अमेरिका को मजबूत बनाया है."
इससे पहले, वाशिंटन में एक मई को एक फंडरेजिंग इवेंट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि भारत, जापान, चीन और रूस की आर्थिक तरक्की रुक गई है क्योंकि इन देशों में विदेशियों के प्रति नफरत की भावना है. बाइडन का कहना था कि ये चारों देश प्रवासियों को स्वीकार नहीं करते हैं. उन्होंने कहा था कि अमेरिका प्रवासियों का स्वागत करता है इसलिए उसकी आर्थिक तरक्की हो रही है.
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भारत और जापान हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए बनाए गए रणनीतिक समूह QUAD में अमेरिका के सहयोगी हैं. QUAD में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल है. वाइट हाउस की प्रेस सचिव ने इस संबंध में कहा,
"बाइडन ने निश्चित तौर पर भारत और जापान के साथ अमेरिका के राजनयिक संबंधों को और अधिक मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, इन दोनों देशों के साथ अमेरिका के मजबूत संबंध हैं."
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान का बचाव करते हुए करीन जीन-पियरे ने कहा,
"एक देश के तौर पर हम क्या हैं, बाइडन उस बारे में बात कर रहे थे. वो प्रवासियों का देश होने के महत्व के बारे में बात कर रहे थे. खासकर, आप देखें, पिछले कुछ सालों में प्रवासियों पर किस तरह से हमले बढ़े हैं."
पियरे ने आगे कहा कि यह याद रखना जरूरी है कि अमेरिका प्रवासियों का देश है और इसने हमें मजबूत बनाया है.
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