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'भारत ने राष्ट्रगान थोपा, बदलो... ' जमात की मांग पर बांग्लादेश सरकार बोली- दोस्ती बनी रहने दीजिये

Bangladesh's national anthem News: बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी ने ये मांग की. फिर धार्मिक मामलों के सलाहकार इन मांगों पर बोले हैं. उन्होंने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए इसका जवाब दिया है.

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बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रगान, कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए हैं. (फ़ोटो - PTI)

बांग्लादेश के राष्ट्रगान (Bangladesh National Anthem) में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. देश के धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफ़एम खालिद हुसैन (AFM Khalid Hossain) ने इसकी जानकारी दी है. हुसैन ने कड़े शब्दों में कहा है कि अंतरिम सरकार विवाद पैदा करने वाला कोई काम नहीं करेगी. सरकार भारत से दोस्ताना संबंध रखना चाहती है.  ये बयान राष्ट्रगान बदलने की मांग पर आया है. बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व नेता ग़ुलाम आज़म के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी ने ये मांग की थी. 

क्या कहा सरकार ने?

PTI की ख़बर के मुताबिक़, एएफ़एम हुसैन ने 7 सितंबर को मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि पड़ोसी देश के रूप में बांग्लादेश भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है. वहीं, मस्जिदों-मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमलों को घृणित बताते हुए हुसैन ने कहा,

पूजा स्थलों पर हमला करने वाले लोग मानवता के दुश्मन हैं. वे अपराधी हैं और उन पर मौजूदा कानूनों के तहत मुक़दमा चलाया जाएगा. स्थानीय नागरिक और मदरसा के छात्र, दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी हमले या तोड़फोड़ को रोकने के लिए मंदिरों की सुरक्षा करेंगे.

हुसैन आगे बोले,

मदरसा के छात्र कभी भी आतंकवाद में शामिल नहीं रहे. ये पिछली सरकार का दुष्प्रचार और षड्यंत्र था. सरकार बदलने के बाद हिंदू समुदाय के कुछ लोगों के घरों पर भी हमले हुए हैं. ठीक उसी तरह जैसे मुस्लिमों के घरों पर हमले हुए थे और इसे अलग तरीक़े से नहीं देखा जाना चाहिए.

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अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी क्या बोले थे?

इससे पहले अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी के देश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव की मांग की थी. उन्होंने कहा था,

मैं राष्ट्रगान का मामला इस सरकार पर छोड़ता हूं. हमारा वर्तमान राष्ट्रगान हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरीत है. ये बंगाल विभाजन और दो बंगालों के विलय के समय को दर्शाता है. दो बंगालों को एकजुट करने के लिए बनाया गया राष्ट्रगान स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे हो सकता है? ये राष्ट्रगान 1971 में भारत द्वारा हम पर थोपा गया था. कई गीत राष्ट्रगान के रूप में काम कर सकते हैं. सरकार को एक नया आयोग बनाना चाहिए, जो एक नया राष्ट्रगान चुने.

बताते चलें, बांग्लादेश और भारत, दोनों के राष्ट्रगान रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए हैं. ‘अमार सोनार बांग्ला’ गीत फिलहाल बांग्लादेश का राष्ट्रगान है. टैगोर ने 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में ‘अमारा सोनार बांग्ला’ गीत लिखा था. 1971 में जब स्वतंत्र बांग्लादेश बना, तो शेख मुजीबुर रहमान ने इसे राष्ट्रगान के रूप में चुना. हालांकि, उनके निधन के बाद से इसमें बदलाव की कई बार मांग उठ चुकी है.

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