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"भारत ने पानी छोड़ कर बाढ़ ला दी", बांग्लादेश के गंभीर आरोप पर सरकार का जवाब आया है

बांग्लादेश के कई नेता, NGO और सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि बांग्लादेश में बाढ़ आने का कारण त्रिपुरा में दम्बुर जलविद्युत परियोजना का खोला जाना है. इस पर भारत की तरफ से सफाई आई है.

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बांग्लादेश के पूर्वोत्तर इलाकों में बाढ़ से प्रभावित लोग. (तस्वीर:AFP)

राजनीतिक अस्थिरता के बीच बांग्लादेश अब बाढ़ के कहर से जूझ रहा है. लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से वहां करीब 30 लाख लोग प्रभावित हो गए हैं. बांग्लादेश के कई नेता, NGO और सोशल मीडिया यूजर्स इसका इल्जाम भारत पर लगा रहे हैं. इन संगठनों का दावा है कि बांग्लादेश में बाढ़ आने का कारण त्रिपुरा में दम्बुर जलविद्युत परियोजना का खोला जाना है. बांग्लादेश के इस दावे पर भारत की तरफ से सफाई आई है. इसमें भारत की भूमिका को लेकर किए गए दावों को निराधार बताया गया है.

विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के आरोपों पर दी सफाई

बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा था कि भारत ने बिना पूर्व चेतावनी के पानी छोड़ दिया. इसे उन्होंने ‘अमानवीय व्यवहार’ करार दिया. पड़ोसी मुल्क की तरफ से लगाए जा रहे इन आरोपों पर भारत ने भी जवाब दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने ‘एक्स’ पर 22 अगस्त को एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,

“हमने बाढ़ के संबंध में बांग्लादेश की तरफ से जताई जा रही चिंताओं को देखा. इसमें कहा जा रहा है कि त्रिपुरा में गुमती नदी के ऊपर डंबुर बांध के खुलने के कारण बांग्लादेश के कुछ जिलों में बाढ़ आई है. लेकिन यह आरोप तथ्यात्मक रूप से बेबुनियाद हैं. हम ये स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गुमती नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में बीते कुछ दिनों में इस साल की सबसे भारी बारिश हुई है. इस कारण दोनों ओर समस्या खड़ी हुई.”

उन्होंने आगे लिखा,

“पूरे त्रिपुरा और उसके आसपास आने वाले बांग्लादेश के जिलों में 21 अगस्त से भारी बारिश हो रही है. त्रिपुरा का दम्बुर बांध बांग्लादेश की सीमा से 120 किलोमीटर दूर है. यह एक छोटी ऊंचाई (30 मीटर) वाला बांध है. इससे बांग्लादेश को भी 40 मेगावॉट की बिजली सप्लाई की जाती है. हम बांग्लादेश के साथ स्थिति की रिपोर्ट भी शेयर कर रहे हैं. 21 अगस्त को भी वहां एक अलर्ट भेजा गया है. लेकिन उसके बाद बिजली गुल होने के कारण रिपोर्ट भेजने में मुश्किल आई. इसके बावजूद हमने अन्य माध्यमों से संचार बनाए रखने की कोशिश जारी रखी है.”

विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि बाढ़ से दोनों तरफ के लोगों को परेशानी होती है और इसके समाधान के लिए आपसी सहयोग की जरूरत है.

भारत और बांग्लादेश करीब 54 नदियों को साझा करते हैं. ऐसे में मंत्रालय ने नदी जल सहयोग को दोनों देशों के द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है. गौरतलब है कि, दम्बुर बांध एक जलविद्युत परियोजना है और यह भारत के त्रिपुरा और बांग्लादेश से बहने वाली गुमती नदी पर बनाया गया है.

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मोहम्मद यूनुस ने भारतीय उच्चायुक्त से की मुलाकत

इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने 22 अगस्त को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात की. ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस मुलाकात से कुछ मिनट पहले प्रोफेसर यूनुस ने बांग्लादेश के पूर्वी जिलों में आई बाढ़ पर अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ एक बैठक की थी. इस मुलाकात को भारत की तरफ से एक ‘सामान्य मुलाकात’ बताया गया है. 

बांग्लदेश और त्रिपुरा में बाढ़ का कहर जारी

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, लगातार मानसूनी बारिश और बाढ़ के कारण बांग्लादेश में लगभग 30 लाख लोग फंस गए हैं. वहां दो लोगों की मौत हो गई है. बाढ़ के कारण कई घरों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है.

इधर भारत में त्रिपुरा राज्य में भी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से स्थिति खराब हो गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा में भूस्खलन के कारण पिछले दो दिनों में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री मणिक साहा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से 21 अगस्त को बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर चर्चा की थी. उन्होंने गृह मंत्री शाह से बाढ़ में सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के अन्य कर्मियों को भेजने की मांग की थी. 

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