The Lallantop

क्या है अयोध्या में 'बीच वाले गुम्बद' के नीचे?

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में अपना फ़ैसला सुना दिया है.

post-main-image
बाबरी मस्जिद 1528 में बनी थी. इतिहासकारों का कहना है कि बाबर के कमांडर मीर बाकी ने ये मस्जिद बनवाई थी. फाइल फोटो
देश के सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले पर अपना फ़ैसला सुना दिया है. अयोध्या में विवादित ज़मीन पर मंदिर बनेगा. कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है. मुस्लिम पक्ष को एक अलग ज़मीन मुहैया करवाई जायेगी. 16 अक्टूबर, 2019 को इस केस की सुनवाई पूरी हुई थी, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
बाबरी मस्जिद की तस्वीरें जब भी देखने को मिलती हैं, 3 गुम्बद दिखाई देते हैं. ख़बर इसी बारे में है. उन तीन गुम्बदों को जब साल 1992 में गिरा दिया गया था, तो वहां अब क्या मौजूद है? यहां ये भी बता दिया जाए कि बाबरी मस्जिद के 3 गुम्बदों में जो बीच वाला गुम्बद है उसे 'मुख्य गुम्बद' कहा जाता है. इसी मुख्य गुम्बद की जगह पर फ़िलहाल क्या है? इसका जवाब है एक तिरपाल, मिट्टी का ढेर और उसपर रखी हुई मूर्तियां. अयोध्या में 'दर्शन' को जाने वाले लोगों को जो देखने को मिलता है, वो यही मूर्तियां होती हैं. ये मूर्तियां ठीक मुख्य गुम्बद की जगह पर ही मौजूद हैं.
Babri Masjid Central Dome
वो जगह जहां मुख्य गुम्बद हुआ करता था.

ये वही जगह है जहां 22-23 दिसंबर 1949 की दरमियानी रात को हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास (जो कि एफआईआर के मुताबिक मुख्य आरोपी थे) की अगुवाई में मूर्तियां रखी गयी थीं. 1950 से इस ज़मीन के लिए अदालती लड़ाई का दौर शुरू हुआ. 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद तोड़ी गयी, तब कहा जाता है कि मंदिर के पुजारी उन मूर्तियों को उठाकर कहीं चले गए. मस्जिद टूटने के बाद वहां मौजूद मिट्टी के ढेर पर मूर्तियां एक दफ़ा फिर से रख दी गयीं.
फ़िलहाल 5 जजों की बेंच ने अपना फ़ैसला सुना दिया है. उन्होंने कहा कि आस्था और विश्वास पर कोई विवाद नहीं हो सकता है. एक ट्रस्ट बनाने को कहा है जो कि मंदिर निर्माण से जुड़ी चीज़ों की देख-रेख करेगा. इस ट्रस्ट को बनाने के लिए 3 महीने का वक़्त दिया गया है.