अतीक अहमद (Atique Ahmed murder) की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं हत्या के बाद ये भी सवाल उठ रहे हैं कि अतीक के साथ पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी क्यों नहीं था. आजतक की खबर के मुताबिक हत्या के समय उसके साथ धूमनगंज थाने के इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्या मौजूद थे. हत्या के समय सुरक्षा में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों में सबसे सीनियर अधिकारी राजेश कुमार ही थे.
अतीक की हत्या के वक्त पुलिस सिक्योरिटी का ये हाल, कोई अधिकारी नहीं था मौजूद?
पूरे यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है.

उमेश पाल हत्याकांड में राजेश कुमार जांच अधिकारी हैं. इसी के चलते 14 अप्रैल से राजेश कुमार मौर्या ही अतीक और अशरफ को पुलिस जीप में जगह-जगह ले जाकर मेडिकल और तलाशी करवा रहे थे. हत्या वाले दिन भी अतीक और अशरफ को जिस खंडहर नुमा इलाके में ले जाकर पिस्तौल और कारतूस बरामद करवाई गई, वहां राजेश मौर्या ही मौजूद थे. मेडिकल के लिए भी जब अतीक और अशरफ को प्रयागराज लाया गया तो राजेश मौर्या साथ में ही थे.
15 अप्रैल को अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए प्रयागराज लाया गया था. यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब देने जा रहे अतीक और अशरफ पर 3 हमलावरों ने गोलियां चला दीं. इसके बाद आरोपियों ने पुलिस के सामने हाथ उठाकर सरेंडर भी कर दिया. पुलिस ने हमलावरों को पकड़ लिया है. घटनास्थल से पुलिस ने पिस्टल बरामद की है. इस हमले में एक सिपाही को भी गोली लगी है, जिसकी पहचान मान सिंह के रूप में हुई है. पुलिस कस्टडी में हुई दोनों की हत्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
अतीक और उसके भाई की हत्या तब हुई, जब दो दिन पहले ही उसके बेटे की झांसी में एक कथित एनकाउंटर के दौरान मौत हुई थी. यूपी पुलिस ने दावा किया था कि झांसी में असद और उसके सहयोगी गुलाम को एनकाउंटर में मार दिया गया.
उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी यूपी पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी. प्रयागराज पुलिस दोनों को कौशांबी के पुरामुफ्ती थाने लेकर गई थी. उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा हुई थी. 28 मार्च को कोर्ट ने उसके भाई अशरफ अहमद सहित सात आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया था.
13 अप्रैल को उमेश पाल हत्याकांड केस में कोर्ट में उसे पेश किया गया था. साथ ही उसके भाई खालिद आजिम उर्फ अशरफ की भी पेशी थी. मर्डर केस में अशरफ सहित अतीक के परिवार के कई सदस्य आरोपी हैं. अतीक और अशरफ को 26 अप्रैल तक प्रयागराज की नैनी जेल में रखा जाना था. 14 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद अशरफ को बरेली जेल में और अतीक को साबरमती जेल में सुरक्षित पहुंचाया जाना था.
वीडियो: अतीक अहमद और अशरफ के मर्डर पर प्रयागराज कमिश्नर ने क्या बता दिया?