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10वीं में एक भी बच्चा पास नहीं हुआ तो असम सरकार ने 17 स्कूलों में ताला लगाने का फरमान सुना दिया

इन स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का क्या होगा?

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कोरोना के चलते सरकार ने यूजीसी नेट का एग्जाम टाल दिया है. (प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
असम में 6 जून को दसवीं बोर्ड के नतीजे आए. इस परीक्षा में 17 स्कूल ऐसे निकले जहां एक भी स्टू़डेंट पास नहीं हो सका, माने ज़ीरो परसेंट रिज़ल्ट. अब सरकार ने इन सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है. असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने 7 जून को बताया कि नतीजे आने के बाद सरकार ने इन 17 स्कूलों को 72 घंटे के भीतर बंद करने का फैसला किया है. इन स्कूलों के शिक्षकों का दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा और स्टूडेंट्स को नज़दीकी स्कूलों में एनरोल किया जाएगा. इस साल असम बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में 64.8 फीसद स्टूडेंट्स ही पास हुए हैं. परीक्षा में तीन लाख 42 हज़ार छात्र बैठे थे. इसमें से दो लाख 21 हज़ार छात्र पास हुए. गुवाहाटी में एक प्रेस कांफ्रेंस में शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने बताया कि अबकी 109 सरकारी स्कूलों में नतीजे 100 फीसद रहे हैं. यानी इन सभी स्कूलों के सभी बच्चे पास हो गए. पिछले साल सिर्फ 54 स्कूलों ने 100 प्रतिशत रिज़ल्ट दिया था. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल 0-10 फीसद के बीच नतीजे देने वाले 92  स्कूल थे, जो अब घटकर 33 रह गए हैं.
विडियो- असम के इस जंगल को बचाने के लिए ट्विटर पर आंदोलन किसने चलाया है?

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