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'इन्हें कपड़ों से ना पहचानिए, ना गोली और बुलडोजर चलाइए', अग्निपथ प्रोटेस्ट पर ओवैसी का तंज

अग्निपथ के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच ओवैसी ने इस योजना की आलोचना की है.

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बाएं से दाएं. असदुद्दीन ओवैसी और अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रोटेस्ट करते युवा (फोटो-पीटीआई)

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. युवा इस योजना का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं. कई जगहों से हिंसा की भी खबरें आई हैं. इन सबके बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार की इस योजना का विरोध किया है. 

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कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता की पंक्तियों के सहारे मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया. तंज कसते हुए ओवैसी ने लिखा,

“तू न थकेगा कभी… तू न रुकेगा कभी… तू न मुड़ेगा कभी… कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ…. अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ. नरेंद्र मोदी, इन्हें कपड़ों से ना पहचानिए, ना ही गोली और बुलडोज़र चलाइए. अपना ग़लत फैसला वापस लीजिए, देश की 66% आबादी युवाओं की है. बात को समझिए.”

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ओवैसी ने आगे एक और ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा, 

“अग्निपथ योजना से बेरोज़गारी में कमी नहीं आएगी बल्कि उसमें इजाफा होगा. पाकिस्तान से आतंक का मसला अभी हल नहीं हुआ है और दूसरी ओर चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर चुका है. हमारी सेना आपकी ‘स्कीम’ और ‘ब्रेन वेव’ की प्रयोगशाला नहीं है. ये योजना देशहित में नहीं है.”

क्या है अग्निपथ योजना?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ नाम की एक योजना शुरू करने की घोषणा की. इस योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं की सैन्य भर्ती होगी. अग्निपथ योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. हालांकि, केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों में इसके खिलाफ विरोध तेज़ हो गया. सबसे ज़्यादा बिहार में इस योजना का विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है. जो युवा सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं उनका कहना है कि वो सालों तक खूब मेहनत करते हैं ऐसे में चार साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है. सिर्फ चार साल की नौकरी का कोई फायदा नहीं है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार से इस योजना को तुरंत वापस लेने की अपील भी की है. 

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इधर सरकार ने अग्निपथ को लेकर एक फैक्ट शीट जारी की है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अग्निवीरों का भविष्य पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. सरकार का कहना है कि अग्निवीरों को दूसरे सैन्य बलों में भर्ती के लिए प्राथमिकता दी जाएगी वहीं चार साल की भर्ती से सेना की प्रभावशीलता पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

इससै पहले CAA-NRC विरोधी आंदोलन के दौरान देश में कई जगहों पर हिंसा हुई थी. इस हिंसा के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने एक भाषण के दौरान कहा था कि आग लगाने वालों को उनके कपड़ों से पहचाना जा सकता है. इस बयान को लेकर पीएम मोदी की अच्छी खासी आलोचना हुई थी. उनके ऊपर सांप्रदायिक बयानबाजी के आरोप लगे थे. 
 

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