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अन्नामलाई का तमिलनाडु BJP अध्यक्ष पद से जाना तय? उन्होंने ही साफ कर दिया

पिछले कुछ समय से अन्नामलाई के तमिलनाडु अध्यक्ष पद से हटने के कयास लगाए जा रहे थे. उन्होंने आज मीडिया से बातचीत में खुद इसका बड़ा संकेत दे दिया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ के. अन्नमलाई की पुरानी तस्वीर. (PTI)

"बीजेपी में नेता पद के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं करते हैं. हम सभी मिलकर पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. मैं (तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष) पद की दौड़ में नहीं हूं."

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ये बयान है के. अन्नामलाई का जिन्होंने खुद यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों में वह तमिलनाडु में पार्टी के अध्यक्ष नहीं होंगे. उनका ये बयान कोयंबटूर में मीडिया से बात करने को दौरान आया. अन्नामलाई ने खुद को इस राजनीतिक उठापटक से दूर बताया और कहा वह अगले अध्यक्ष की रेस में नहीं हैं. उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी राजनीतिक अटकलबाजी का जवाब नहीं देंगे.

पिछले कुछ समय से अन्नामलाई के अध्यक्ष पद से हटने के कयास लगाए जा रहे थे. वरिष्ठ पत्रकार टीएस सुधीर ने 3 अप्रैल को अपने लेख में लिखा था कि अन्नामलाई का भाजपा के तमिलनाडु प्रमुख के पद से हटना तय है. सुधीर के मुताबिक, अन्नामलाई के अध्यक्ष पद से हटने को जातिगत समीकरणों से जोड़कर रूप में देखा जाता है, लेकिन वास्तव में यह पार्टी के भीतर उनके बढ़ते महत्व का संकेत है.

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अन्नामलाई भाजपा के AIADMK  के साथ गठबंधन को लेकर काफी मुखर रहे हैं. लेकिन बीते कुछ समय से उनके रुख में नरमी देखने को मिली है. वह गठबंधन पर ज्यादा बोलने से भी परहेज करते दिखाई दिए. जबकि पहले वह AIADMK को असहज करने वाले बयान देते रहे हैं.

2023 में अन्नामलाई ने जयललिता और सीएन अन्नादुरई की तीखी आलोचना की. इतना ही नहीं, उन्होंने द्रविड़ पार्टियों के साथ किसी भी गठबंधन का कड़ा विरोध किया जिसकी वजह से भाजपा और AIADMK के बीच बड़ी दरार पैदा हुई. नतीजतन, दोनों पार्टियों ने 2024 का लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा और दोनों को निराशाजनक परिणामों का सामना करना पड़ा.

अन्नामलाई के अध्यक्ष पद से हटने पर NDTV ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन करने के लिए अन्नामलाई को हटाने की शर्त रखी थी. हाल ही में पलानीस्वामी (EPS) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच दिल्ली में बैठक हुई थी.

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माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद अन्नामलाई के सुर बदले-बदले नज़र आ रहे हैं. उन्होंने एक बयान में कहा,

"हमारे गृह मंत्री ने बात की है. कृपया उनकी प्रतिक्रिया को इस मामले पर अंतिम शब्द के रूप में लें."

NDTV ने भाजपा सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अन्नामलाई को बताया गया है कि उनका निष्कासन कोई सजा नहीं बल्कि राज्य में पार्टी का विस्तार करने की पहल का हिस्सा होगा. साथ ही पार्टी या केंद्र सरकार में उनके लिए बड़ी भूमिका की संभावना के दरवाजे भी खुले हुए हैं. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अन्नामलाई को केंद्र में जगह दे सकती है. उनसे पहले एल. मुरुगन को भी तमिलनाडु अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री बनाया गया था.

40 वर्षीय अन्नामलाई IPS की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा भले ही तमिलनाडु में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई, लेकिन अन्नामलाई के नेतृत्व में पार्टी के वोट शेयर में बढ़ोत्तरी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अन्नामलाई लगातार अलग-अलग मुद्दों पर मुखर होकर भाजपा को सुर्खियों में बनाए रखने के लिए जाने जाते रहे हैं.

हालांकि, अध्यक्ष पद से अन्नामलाई की रुख्सती पर सुधीर एक और महत्वपूर्ण बात रेखांकित करते हैं. सुधीर के मुताबिक, अन्नामलाई के स्टेट चीफ के पद हटने का एक मुख्य कारण भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग भी है. सुधीर कहते हैं कि अन्नामलाई की जगह किसी अन्य नेता को प्रदेश अध्यक्ष पद पर लाने से भाजपा को समाज के दूसरे तबकों तक पहुंचने में मदद मिल सकती है.

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