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"अंकिता के मर्डर की रात 2 बजे पुलकित मेरे पास आया था, फिर कहा..." - पटवारी ने रात की कहानी सुनाई

"पुलकित के आने के बाद तहसीलदार ने कहा था छुट्टी पर चले जाओ"

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पटवारी वैभव प्रताप ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप गलत बताए हैं | फोटो: आजतक

उत्तराखंड (Uttarakhand) का अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder Case). अब इस मामले में एक नया नाम सामने आया है. गंगा भोगपुर इलाके के पटवारी वैभव प्रताप का. वैभव प्रताप पर आरोप है कि उसे अंकिता भंडारी के गायब होने की खबर कई घंटे पहले ही लग चुकी थी. लेकिन, उसने लापरवाही बरती और एक अन्य पटवारी विवेक कुमार को चार्ज देकर छुट्टी पर चला गया. इसके बाद विवेक को ही पूरे मामले में लापरवाही का जिम्मेदार ठहराकर सस्पेंड कर दिया गया. हालांकि, अब पटवारी वैभव प्रताप को भी शासन ने निलंबित कर दिया है.

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“पुलकित रात में मेरे पास आया था”

पटवारी वैभव प्रताप से आजतक से जुड़े अंकित शर्मा ने बातचीत की. इस बातचीत में वैभव ने कई अहम खुलासे किए. उसने बताया,

“19 सितंबर की रात 2 बजे पुलकित आर्य मेरे पास आया और बोला कि हमारे रिजॉर्ट से एक लड़की गायब है. उसकी FIR दर्ज कर लो. मैंने ये कहकर FIR दर्ज नहीं की कि गुमशुदगी के 24 घंटे के बाद ही मामला दर्ज किया जाता है. मैने पुलकित को कहा कि वह इस बारे में अंकिता के घर पर बताए. पुलकित ने कहा कि मेरे पास उसके घरवालों का फोन नंबर नहीं है. मैंने पुलकित को कहा कि जांच के लिए लड़की की फोटो या आधार कार्ड कुछ तो दो. फिर पुलकित ने आधार कार्ड दिया.”

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पटवारी वैभव ने आगे बताया,

“पुलकित ने जब आधार कार्ड दिया तो सबसे पहले पटवारियों के वाट्सएप ग्रुप में सूचना भेजी. मेरे पास अंकिता के पिता का फोन शाम 5 बजे आया. तब मैंने उनसे पूछा कि क्या आपकी बात मैनेजर से हुई है? तब उन्होंने कहा कि हां बात हो गई है. बस अंकिता के पिता से इतनी ही बात हुई मेरी.”

वैभव प्रताप के मुताबिक,

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“इस बीच मेरे पास तहसीलदार (मंजीत सिंह) का फोन आया कि मैं छुट्टी पर चला जाऊं. दरअसल, मेरे पिता की तबियत काफी दिनों से खराब थी. इसलिए तहसीलदार ने मुझे छुट्टी पर भेज दिया.”

पटवारी की पुलकित से दोस्ती थी?

वैभव ने आजतक को ये भी बताया,

“पुलकित का ये रिजॉर्ट साल 2010 से बना हुआ है. यहां पर अभी 2 महीने पहले एनजीटी की तरफ से एक टीम भी आई थी और जायजा लेकर चली गई. मुझे नही पता कि क्या हुआ. पुलकित से मेरी कोई दोस्ती नहीं है. चाहे तो मेरा सीडीआर खंगाल लिया जाए या कोई भी रिजॉर्ट की सीसीटीवी फुटेज देख ली जाए. मैंने कभी पुलकित को खुद से फोन तक नहीं किया है.”

पटवारी वैभव के मुताबिक पुलकित शातिर बदमाश है और ऐसे बदमाशों का सामना करने के लिए रिसोर्स नहीं हैं. उन्होंने बताया,

“पुलकित समेत ये तीनों आरोपी शातिर बदमाश हैं, जो सामने भी आया है. हमारा ऐसे लोगों से सामना होता है, लेकिन हमें सुरक्षा के लिए हथियार तक नहीं दिए गए.”

"तहसीलदार को पूरी जानकारी दी थी"

आजतक से बातचीत में वैभव ने ये दावा भी किया कि उन्होंने अधिकारियों को सबकुछ बता दिया था, फिर भी उन्हें निशाना बनाया गया. वैभव ने कहा,

“19 सितंबर को शाम 7:30 बजे जब मैं तहसीलदार (मंजीत सिंह) से मिला था, तब मैंने उनको अंकिता की गुमशुदगी के बारे में सब कुछ बता दिया था. विवेक कुमार जो मेरा चार्ज ले रहा था, उसे भी मैंने समझा दिया था. मैंने इसका सबूत भी अधिकारियों को दे दिया है. लेकिन फिर भी मुझे बार-बार मामले को लेकर परेशान किया जा रहा है. मैंने फोन भी इसलिए बंद किया है क्योंकि मुझे बार-बार फोन करके प्रताड़ित किया जा रहा है. मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. मैंने अपनी ड्यूटी अच्छे से निभाई है."

बता दें कि अंकिता बीते 18-19 सितंबर से गायब थी. छह दिन बाद 24 सितंबर की सुबह पुलिस को अंकिता की डेडबॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास नहर से मिली. अंकिता यमकेश्वर के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी. हत्या के आरोप में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलकित आर्या पूर्व राज्य मंत्री भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा है.

आरोप हैं कि पुलकित ने बार-बार अंकिता पर दबाव बनाया, उसे बार-बार होटल के गेस्ट को स्पा सर्विस देने के लिए कहा जाता रहा. उसे कथित तौर पर नौकरी से निकाले जाने की धमकी दी जाने लगी. इन्हीं बातों को लेकर अंकिता और पुलकित में विवाद हुआ. आरोप है कि विवाद के बाद अंकिता को नहर में धक्का देकर उसे मार डाला गया.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है.

वीडियो देखें : अंकिता मर्डर केस में व्हाट्सएप चैट से नया खुलासा

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